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This Article is From Jul 02, 2019

...तो जिंदा दफन हो जाता युवक, परिवार के पास पैसे न होने पर अस्पताल ने मृत घोषित किया!

लखनऊ में मृत घोषित किए जा चुके एक व्यक्ति के लिए कब्र खोद ली गई थी, दफनाए जाने से ठीक पहले जिंदा हो उठा

...तो जिंदा दफन हो जाता युवक, परिवार के पास पैसे न होने पर अस्पताल ने मृत घोषित किया!
लखनऊ में निजी अस्पताल द्वारा मृत घोषित युवक दफनाने से पहले जिंदा पाया गया. उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है (प्रतीकात्मक फोटो).
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
दफनाने से पहले किसी ने उसके शरीर में हरकत देखी
युवक को राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया
डॉक्टरों ने कहा कि वह जिंदा है, वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा
लखनऊ:

लखनऊ में एक युवक को एक निजी अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया. उसे जब दफनाया जा रहा था तब पता चला कि वह तो जिंदा है. यदि थोड़ी देर तक और उसके शरीर में हरकत न दिखाई देती तो उसे जीवित ही दफन कर दिया जाता.

युवक को कब्रगाह से सरकारी अस्पताल में ले जाने पर उसे डॉक्टरों ने जीवित बताया और भर्ती कर लिया. युवक के भाई के मुताबिक निजी अस्पताल में उसे तब मृत घोषित किया गया था जब अस्पताल प्रशासन से उन्होंने कहा था कि अब उनके पास पैसे नहीं हैं. इलाज के लिए अस्पताल को सात लाख रुपये का भुगतान किया गया. चिकित्सा विभाग अब इस मामले की जांच करेगा.       

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मृत घोषित किया जा चुका एक व्यक्ति दफनाए जाने से ठीक पहले जिंदा हो उठा. उसकी कब्र खोद ली गई थी और जब उसे दफनाया जाने वाला था तभी परिवार के कुछ सदस्यों ने उसके शरीर में हरकत देखी. रोना-धोना बंद हो गया और हैरान परिजन मोहम्मद फुरकान को अस्पताल ले गए जहां उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है.

...जब अंतिम संस्‍कार के लिए ले जाया जा रहा युवक श्‍मशान पहुंचने से पहले 'जिंदा' हो उठा

बीस वर्षीय फुरकान को एक दुर्घटना के बाद 21 जून को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सोमवार को उसे मृत घोषित कर दिया गया और उसके शव को एम्बुलेंस से उसके घर पहुंचा दिया गया.
फुरकान के बड़े भाई मोहम्मद इरफान ने कहा, "फुरकान की मौत से बेहद दुखी हम लोग उसे दफनाने की तैयारी कर रहे थे, तभी किसी ने उसके शरीर में हरकत देखी. हम फौरन फुरकान को राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने कहा कि वह जिंदा है और उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रख दिया."

इरफान ने कहा, "इससे पहले हम निजी अस्पताल को सात लाख रुपये का भुगतान कर चुके थे और जब हमने उन्हें बताया कि अब हमारे पास पैसे नहीं हैं तो उन्होंने सोमवार को फुरकान को मृत घोषित कर दिया."

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लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) नरेंद्र अग्रवाल ने कहा, "हमने मामले का संज्ञान लिया है और इसकी पूरी जांच की जाएगी." फुरकान का इलाज कर रहे डॉक्टर ने कहा, "मरीज की हालत गंभीर है लेकिन वह निश्चित रूप से ब्रेन डेड नहीं है. उसकी नाड़ी, ब्लड प्रेशर और दिमाग काम कर रहा है. उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है."

VIDEO : बेटी को जिंदा दफनाने की कोशिश

(इनपुट आईएएनएस से)

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