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This Article is From Jan 15, 2016

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा, कहीं ओमान जेल में तो नहीं 1971 का युद्धबंदी

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा, कहीं ओमान जेल में तो नहीं 1971 का युद्धबंदी
शहीद केप्टन सौरभ कालिया की तस्वीर।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से पूछा कि 1971 के युद्ध के दौरान लापता हुआ जवान कहीं ओमान जेल में तो नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर 1971 के युद्धबंदी जसपाल सिंह की रिहाई की मांग की गई है जो मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ओमान जेल में बंद है।

सौरभ कालिया का मामला अंतरराष्ट्रीय अदालत में नहीं  
शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। वह जानकारी इकट्ठी कर कोर्ट को बताएगी। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि वह सौरभ कालिया सहित 5 लोगों का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय अदालत में नहीं ले जा सकती। वहीं कालिया के वकील ने कहा कि पिछले साल सरकार ने कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट आदेश दे तो वह मामले को अंतरराष्ट्रीय अदालत में ले जाएगी। तब सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अगर सरकार कोई स्टैंड ले रही है तो हम उसको बदलने के लिए दबाव कैसे डाल सकते हैं। इसका व्यापक असर होगा।

पाकिस्तानी सेना ने बेरहमी से जान ली थी सौरभ की
दरअसल करगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान की कस्टडी में बेरहमी से मारे गए कैप्टन सौरभ कालिया की मौत के मामले को अंतरराष्ट्रीय अदालत में ले जाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। कैप्टन सौरभ कालिया को करगिल युद्ध के दौरान 1999 में पाकिस्तान सेना ने बंधक बना लिया था और यातनाएं देकर मार डाला था। पाकिस्तान ने दावा किया था कि सौरभ का शव एक गड्ढे में मिला था और उसकी मौत सख्त मौसम की वजह से हुई।

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