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AC नहीं स्लीपर कोच की तस्वीर है, वंदे भारत की इस ट्रेन किसी फाइव स्टार से कम नहीं; देखें तस्वीरें

वंदे भारत स्लीपर कोच के प्रोटोटाइप का ठीक से परीक्षण होने के बाद उत्पादन श्रृंखला प्रारंभ होगी. उन्होंने कहा, ‘‘ हम डेढ़ साल बाद उत्पादन श्रृंखला प्रारंभ करेंगे. तब व्यावहारिक रूप से हर महीने दो से तीन ट्रेन का संचालन प्रारंभ होगा.’’

AC नहीं स्लीपर कोच की तस्वीर है, वंदे भारत की इस ट्रेन किसी फाइव स्टार से कम नहीं; देखें तस्वीरें
बेंगलुरु:

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को यहां बीईएमएल के कारखाने में वंदे भारत एक्सप्रेस के स्लीपर कोच के प्रोटोटाइप संस्करण का अनावरण किया. वैष्णव ने संवाददाताओं को बताया कि कोच के आगे के परीक्षण के लिए इसे पटरियों पर चलाए जाने से पूर्व 10 दिन तक उसका कड़ा परीक्षण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगले तीन महीनों में ट्रेन का परिचालन शुरू होने की संभावना है.

वैष्णव ने कहा, ‘‘ वंदे भारत चेयर कार के बाद हम वंदे भारत स्लीपर कार पर काम कर रहे थे. इसका निर्माण अब पूरा हो गया है. इन ट्रेन को आज परीक्षण के लिए बीईएमएल प्रतिष्ठान से बाहर निकाला जाएगा.''

वंदे भारत स्लीपर कोच के प्रोटोटाइप का ठीक से परीक्षण होने के बाद उत्पादन श्रृंखला प्रारंभ होगी. उन्होंने कहा, ‘‘ हम डेढ़ साल बाद उत्पादन श्रृंखला प्रारंभ करेंगे. तब व्यावहारिक रूप से हर महीने दो से तीन ट्रेन का संचालन प्रारंभ होगा.''

मंत्री ने कहा कि नयी ट्रेन का डिजाइन बनाना बहुत जटिल काम है. वंदे भारत स्लीपर कार में कई नई सुविधाएं शामिल की गई हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘ हम वंदे भारत ट्रेन के डिजाइन में लगातार सुधार कर रहे हैं. हम अनुभव से सीख रहे हैं और इसमें सुधार कर रहे हैं. वंदे भारत मेट्रो के लिए भी यही सिद्धांत अपनाया जाएगा.''

वैष्णव ने कहा कि रेलवे चार विन्यासों- वंदे भारत चेयर कार, वंदे भारत स्लीपर कार, वंदे भारत मेट्रो कार और अमृत भारत- पर काम कर रहा है, जो लोगों के यात्रा करने के तरीके को बदल देगा.

उन्होंने बताया कि 16 कोच वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन रात भर की यात्रा के लिए है और यह 800 किलोमीटर से 1,200 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. ट्रेन की अतिरिक्त विशेषताएं इसमे ऑक्सीजन का स्तर और वायरस से सुरक्षा हैं. ये सीख कोविड-19 महामारी से ली गई है.

वैष्णव ने कहा, ‘‘ यह मध्यम वर्ग के लिए ट्रेन होगी और इसका किराया राजधानी एक्सप्रेस के बराबर होगा.''

वंदे भारत में खराब गुणवत्ता वाले भोजन की शिकायतों पर मंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे प्रतिदिन 13 लाख भोजन पैकेट परोसता है और शिकायतें 0.01 से भी कम हैं.

उन्होंने कहा,‘‘लेकिन फिर भी हम शिकायतों को लेकर बहुत चिंतित हैं और हमने कैटरर्स के साथ-साथ आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ भी बहुत सख्त कार्रवाई की है.'' मंत्री ने ‘भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड' (बीईएमएल) परिसर में वंदे भारत विनिर्माण प्रतिष्ठान की आधारशिला भी रखी.

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