मां-बाप ने दो बेटियों को मार डाला, दैवीय शक्ति से कुछ घंटों में जिंदा करने का दावा किया

लड़की के पिता पुरुषोत्तम नायडू (एमएससी, पीएचडी) मदनपल्ली में सरकारी महिला डिग्री कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. वह कॉलेज के उप प्रधानाचार्य भी हैं. उनकी पत्नी स्नातकोत्तर और स्वर्ण पदक विजेता है, जो एक स्थानीय निजी स्कूल की प्रधानाचार्य हैं.

मां-बाप ने दो बेटियों को मार डाला, दैवीय शक्ति से कुछ घंटों में जिंदा करने का दावा किया

Chittoor जिले की पुलिस दंपति को हिरासत में लेकर कर रही पूछताछ

खास बातें

  • मां-बाप का दावा कलयुग से सतयुग का समय आने वाला, बेटियां फिर जिंदा होंगी
  • लड़की के पिता एमएससी, पीएचडी, सरकारी कॉलेज में वाइस प्रिंसिपल
  • लड़कियों की मां स्वर्ण पदक विजेता, निजी स्कूल में प्रधानाचार्या
अमरावती:

आंध्र प्रदेश के चित्तूर गांव  (Andhra Pradesh's Chittoor district) में मां-बाप ने अपनी दो बेटियों की जान ले ली. उन्हें यकीन था कि कलयुग सतयुग में बदलने वाला है और दैवीय शक्ति (Divine Power) से कुछ घंटों में दोनों बेटियां वापस जिंदा हो जाएंगी. पुलिस और पड़ोसियों को जब इस घटना की जानकारी मिले तो वे अवाक रह गए. 

पुलिस के अनुसार, लड़कियों के पिता ने रविवार रात अपनी बेटियों की हत्या करने के बाद खुद अपने एक सहकर्मी को फोन कर इसका खुलासा किया.सहकर्मी ने तुरंत पुलिस को हत्याकांड की सूचना दी. पुलिस मौके पर पहुंची तो वहमी दंपति (superstitious) को बेहोशी की हालत में पाया. पुलिस को संदेह है कि परिवार कुछ समय से जादू-टोने (Black Magic) की किसी रहस्यमय गतिविधियों में शामिल था.

मदनपल्ली के डीएसपी रवि मनोहरचारी के अनुसार, लड़कियों की मां ने दोनों की हत्या की. एक बेटी की हत्या से पहले उसका मुंडन भी किया गया था. पिता वहां खड़ा सब देख रहा था और मां ने ही उसे मार डाला. छोटी बेटी को पहले त्रिशूल से मारा गया और फिर बड़ी बेटी की डम्बल से हत्या की गई. पुलिस सूत्रों ने बताया कि दंपति की योजना खुद को मारने की भी थी लेकिन पुलिस कर्मी समय पर वहां पहुंच गए. लड़की के पिता पुरुषोत्तम नायडू (एम.एससी, पीएचडी) मदनपल्ली में सरकारी महिला डिग्री कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. वह कॉलेज के उप प्रधानाचार्य भी हैं. उनकी पत्नी स्नातकोत्तर और स्वर्ण पदक विजेता है, जो एक स्थानीय निजी स्कूल की प्रधानाचार्य हैं.

बड़ी बेटी एलिकख्या (27) भोपाल में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही थी और छोटी बेटी साई दिव्या (22) ए. आर. रहमान के केएम संगीत संरक्षिका में एक वार्ड थी. कोरोना वायरस के मद्देनजर लगे लॉकडाउन के बाद से दोनों बेटियां अपने माता-पिता के साथ रह रही थीं.

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डीएसपी ने कहा कि माता-पिता ने उनसे कहा कि एक दिन का इंतजार करें, उनकी बेटियां जीवित हो जाएंगी. मनोहरचारी ने बताया कि परिवार सुशिक्षित था और हैरानी की बात है कि इन्होंने ऐसा कदम उठाया. पुलिस ने दंपति को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ शुरू कर दी है. फोरेंसिक टीमे आसपास के कैमरों की फुटेज की जांच कर यह पता लगाने कि कोशिश कर रही है कि क्या परिवार के अलावा कोई और इस वारदात में शामिल था.शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.