भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S.Jaishankar) ने दोहा में अफ़ग़ानिस्तान शांति समझौते (Afghanistan peace treaty) को लेकर तालिबान (Taliban) और अफ़ग़ान सरकार (Afghan Government) के बीच बातचीत के शुरुआती समारोह को संबोधित किया. मुख्य तौर पर भारत और अफ़ग़ानिस्तान के बीच ऐतिहासिक रिश्तों और सहयोग को रेखांकित किया.
विदेश मंत्री ने इस मौक़े पर अफ़ग़ानिस्तान के विकास के लिए 400 परियोजनाओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि ये दोनों देशों के रिश्तों की गवाही है. उन्होंने ज़ोर दिया कि अफ़ग़ानिस्तान शांति वार्ता हो और वहां के महिलाओं और अल्पसंख्यंकों की हितों को ध्यान में रखने वाला हो.
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बता दें कि तालिबान राजनीति और सत्ता में महिलाओं की भागीदारी के ख़िलाफ़ रहा है. यहां तक कि वह महिलाओं के चुनाव में भाग लेने के भी ख़िलाफ़ है. इस संदर्भ में विदेश मंत्री के बयान का महिलाओं वाला हिस्सा काफ़ी अहमियत रखता है. तालिबान की सत्ता में भागीदारी के बाद भारत को अपने हितों पर तालिबान की तरफ़ से चोट पहुंचाए जाने की आशंका है. इसलिए वह इसे सधी निगाह से देख रहा है.
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