जाकिर नाईक के 'पीस टीवी' पर नकेल कसेगी केंद्र सरकार, जिलों में नजर रखने की ताकीद

जाकिर नाईक के 'पीस टीवी' पर नकेल कसेगी केंद्र सरकार, जिलों में नजर रखने की ताकीद

जाकिर नाईक (फाइल फोटो)

खास बातें

  • जिला मानीटरिंग और राज्य मानीटरिंग कमेटियों को एडवाइज़री जारी की
  • इंटरनेट पर यूआरएल को ब्लाक किया गया
  • सोशल मीडिया पर कुछ आपत्तिजनक दिखने पर होगी कार्रवाई
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष ज़ाकिर नाईक के 'पीस टीवी' पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है। इस बारे में आज एक बैठक हुई। जिला मानीटरिंग और राज्य मानीटरिंग कमेटी को एडवाइज़री जारी की जा रही है कि वे इस पर नजर रखें।  

केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन राठौर ने कहा कि जिन चैनलों को ब्रॉडकास्टिंग की अनुमति होती है उन्हें लाइसेंस दिया गया है। जो बिना लाइसेंस के चैनल चला रहे हैं उनके उपकरण ज़ब्त हो सकते हैं। आज बैठक हुई। जिला मानीटरिंग और राज्य मानीटरिंग कमेटी को एडवाइज़री जारी हो रही है कि वे इस पर नजर रखें।

उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय से भी कहा गया है कि सोशल मीडिया पर अगर कुछ दिखे तो उसे रिपोर्ट किया जाए, कार्रवाई होगी। इंटरनेट पर यूआरएल को ब्लाक किया गया है। सरकार कार्रवाई करेगी।

सूत्रों के मुताबिक 'पीस टीवी' बहुत चालाकी से काम करता है। वह सैकड़ों क्लिप यूट्यूब पर डाल देता है। इस बारे में सरकार यूट्यूब से बात कर सकती है। सभी जिलों के कलेक्टरों को एडवाइज़री जारी की जा रही है।

बताया जाता है कि पीस टीवी का प्रसारण दुबई से दो सैटेलाइट से हो रहा है। कनाडा, यूके, मलेशिया में उसे बैन किया गया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि पता किया जाए कि इन देशों में वह कैसे बैन हुआ। विदेश मंत्रालय से इस बारे में पता करने को कहा जा रहा है।

बताया जाता है कि पीस टीवी के लिए दो सैटेलाइट IS 20 और ABS 2 उपयोग की जा रही हैं। सन 2009 में दूसरी बार इसके प्रसारण की परमीशन खारिज की गई थी। अब जिला अधिकारियों द्वारा आगे की कार्रवाई की जा सकती है। प्रसारण करने वाले केबल ऑपरेटरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।


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