एनडीटीवी और YEIDA के कार्यक्रम The Future Summit में PwC india के सोनल मिश्रा ने व्हाइट पेपर प्रजेंटेशन के जरिए जेवर एयरपोर्ट के बनने से नोएडा को होने वाले लाभ को बताया. उन्होंने कई पहलूओं की चर्चा करते हुए बताया कि किस तरह से जेवर एयरपोर्ट के निर्माण के साथ ही इस क्षेत्र की आर्थिक हालात में परिवर्तन होगी. साथ ही उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी एयरपोर्ट के ट्रैफिक को कम करने के साथ-साथ और भी कई कारण है जिसके लिए इसकी जरूरत है.
दिल्ली एनसीआर में दूसरे एयरपोर्ट की क्यों जरूरत थी?
दिल्ली एयरपोर्ट पर 7 प्रतिशत की दर से ट्रैफिक बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि यह इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर पहले से ही 73 मिलियन पैसेंजर्स हर साल पहुंच रहे हैं. इस एयरपोर्ट की अधिकतम क्षमता 100 मिलियन है. ऐसे में भविष्य की प्लानिंग को लेकर एक नए एयरपोर्ट की जरूरत थी. हालांकि सिर्फ यह कहना सही नहीं होगा कि IGI एयरपोर्ट के ट्रैफिक को कम करने के लिए इसका निर्माण किया जा रहा है. इस एयरपोर्ट के पास अपना एक आंतरिक क्षेत्र है जहां के लिए इसकी जरूरत है. इसकी शुरुआत के बाद उन क्षेत्रों का ट्रैफिक इसके पास आ जाएगा जो कि अभी IGI पर निर्भर है.
एयर कार्गो के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा जेवर एयरपोर्ट
PwC india के सोनल मिश्रा ने कहा कि एयर कार्गो के लिए यह हिस्सा बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा. एयर कार्गो पर निर्भर रहने वाली अधिकतर इंडस्ट्री इस हिस्से में है जिसका लाभ उन्हें मिलेगा. एयर कार्गो का इस एयरपोर्ट पर शानदार भविष्य है.
इंटीग्रेटेड और क्लस्टर डेवलपमेंट दोनों की बढ़ेगी संभावना
सोनल मिश्रा ने कहा कि इसके निर्माण के साथ ही इंटीग्रेटेड और क्लस्टर डेवलपमेंट दोनों ही इस क्षेत्र में बढ़ेंगे. यही कारण है कि यमुना एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल डिवलपमेंट ऑथरिटी की स्थापना की गयी है. जिसके तहत कई डेटा सेंटर पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क का निर्माण हो रहा है.
कनेक्टिविटी को मिलेगी नई उड़ान
जेवर एयरपोर्ट के निर्माण से पूरे क्षेत्र में कनेक्टिविटी को एक धार मिलेगी. यह एक दिन में नहीं होगा लेकिन समय के साथ एक बड़ा नेटवर्क तैयार हो जाएगा. उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे प्रोजेक्ट हैं जो बन गए हैं या बनने वाले हैं जैसे यमुना एक्सप्रेस वे,ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे के साथ नोएडा एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी जैसे प्रोजेक्ट पर काम जारी है.
कस्टमर से बनेंगे कस्टमर
नोएडा एयरपोर्ट पर पैसेंजर्स के आने से नई आर्थिक प्रगति होगी. उन्होंने कहा कि एविएशन के क्षेत्र में काम करने वाला हर एक शख्स 18 अन्य जॉब को सपोर्ट करता है. किसी न किसी अन्य माध्यम से. इसी तरह अगर सीधे तौर पर अगर 1 रुपये का इनवेस्टमेंट इस क्षेत्र में किया जाता है तो वो पूरे इकोसिस्टम में 8.5 रुपये का लाभ देता है.
बताते चलें कि एनडीटीवी के The Future Summit में मल्टी नोडल कनेक्टिविटी और समावेशी विकास पर चर्चा की गयी.इस कार्यक्रम के केंद्र में क्षेत्रिय बुनियादी ढ़ाचे को बदलने, आर्थिक विकास को सक्षम करने और कनेक्टिविटी के मामले में भारत को वैश्विक नेता के तौर पर भारत की स्थिति को मजबूत करने पर चर्चा हुई. इस समिट का आयोजन यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) की तरफ से आयोजित किया गया था.
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