विज्ञापन
This Article is From Aug 17, 2016

बदला लेने के लिए किया गया बीजेपी नेता बृजपाल तेवतिया पर हमला, चार गिरफ्तार

बदला लेने के लिए किया गया बीजेपी नेता बृजपाल तेवतिया पर हमला, चार गिरफ्तार
गिरफ्तार आरोपी राजकुमार, राहुल और निशांत.
नई दिल्ली: बृजपाल तेवतिया शूटआउट मामले में मुख्य आरोपी मनीष और मनोज तो नहीं पकड़े जा सके लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने चार आरोपियों राजकुमार,राहुल, जितेन्द्र और निशांत को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस का दावा है कि तेवतिया से उसके गांव मेहरौली के मनीष ने अपने पिता सुरेश दीवान की हत्या का बदला लेने के लिए 17 साल बाद यह हमला करवाया. मनीष को शक था कि उसके पिता की हत्या उस समय दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात बृजपाल तेवतिया ने कार्रवाई थी.

मेरठ जोन के आईजी सुजीत पांडे के मुताबिक 12 जून 1999 को दिल्ली के शकरपुर इलाके में गाजियाबाद के मेहरौली गांव के रहने वाले सुरेश दीवान की हत्या कर दी गई थी. सुरेश के परिवार ने इस मामले में बृजपाल तेवतिया को नामजद कराया था लेकिन दिल्ली पुलिस ने 2002 में मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाकर तेवतिया को क्लीन चिट दे दी. हालांकि सुरेश के परिवार को यही लगता रहा कि हत्या बृजपाल ने ही कराई.

इस मामले में अभी गौरव,अभिषेक,पहलवान,संसार,बब्बल ,बिट्टू, मनीष और मनोज की तलाश जारी है. पुलिस के मुताबिक बृजपाल पर हमला करने के लिए साजिश 6 और 10 अगस्त को रुड़की और गाजियाबाद में रची गई. शूटआउट के लिए मनीष ने अपनी करोड़ों की जमीन भी बेच दी. वारदात से पहले रेकी का जिम्मा राजकुमार और गौरव को दिया गया. पेशेवर शूटर निशांत ने कई और शूटर मुहैया कराए. इस वारदात में कुल 12 लोग शामिल थे. इनमें से सात लोगों ने बृजपाल पर हमला किया.
 
फरार आरोपी मनोज.

पुलिस ने वह सीसीटीवी फुटेज भी बरामद कर लिया है जिसमें राजकुमार अपनी स्कूटी से वारदात वाले दिन यानि 11 अगस्त को  तेवतिया का उनके घर से ही पीछा कर रहा है. निशांत के मोबाइल से भी पुलिस को कई अहम सबूत मिले हैं. पुलिस का कहना है कि अभी भी पुलिस की 20 टीमों में 150 पुलिसकर्मी बाकी आरोपियों की तलाश और वारदात की कड़ियां जोड़ने में जुटे हैं.

पुलिस का कहना है कि एके-47 कहां से आई, इसका पता लगाया जा रहा है. हालांकि सूत्रों से जानकारी मिली है कि एके-47 पश्चिमी यूपी के ही एक बड़े अपराधी से ली गई. आरोपियों पर गैंगस्टर और एनएसए के तहत भी कार्रवाई की जा रही है.

मेहरौली गांव के दो पुलिस वालों की जंग
नब्बे के दशक में गाजियाबाद के मेहरौली गांव के सुरेश और बृजपाल दोनों ही पुलिस में कांस्टेबल थे. बृजपाल दिल्ली पुलिस में जबकि सुरेश यूपी पुलिस में तैनात थे. दोनों के बीच गांव में रसूख और जमीन-जायजाद को लेकर जंग छिड़ गई. इसी बीच सुरेश पुलिस की नौकरी छोड़कर गाजियाबाद के कुख्यात अपराधी राकेश हसनपुरिया की गैंग में शामिल हो गया, लेकिन अपराध की दुनिया में वह ज्यादा दिन नहीं टिक सका. सन 1999 में दिल्ली में उसकी हत्या कर दी गई.

उसकी हत्या का शक तब दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात बृजपाल पर गया. बृजपाल उस केस में जेल भी गए लेकिन 2002 में उन्हें क्लीन चिट मिल गई. पुलिस के मुताबिक जेल से निकलते ही बृजपाल पर सुरेश दीवान गैंग ने हमला भी किया. इस हमले में बृजपाल तो बच गए लेकिन इस खूनी खेल में 5 लोग मारे गए. कुछ दिन बाद बृजपाल पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आ गए. दोनों पक्षों के बीच रंजिश और बढ़ती चली गए. उधर सुरेश दीवान की हत्या का बदला लेने के लिए राकेश हसनपुरिया भी उसके पीछे था.

सन 2003 में गाजियाबाद पुलिस ने राकेश हसनपुरिया को एक विवादित मुठभेड़ में मार गिराया. मुठभेड़ पर राकेश की पत्नी सुनीता ने सवाल उठाते हुए बृजपाल तेवतिया पर मुखबिरी करने का आरोप लगाया. सुनीता यूपी पुलिस में कांस्टेबल थी. बाद में सुनीता को भी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया था. बाद में वह हाइकोर्ट गई और उसे दुबारा पुलिस की नौकरी मिल गई. सुनीता फिलहाल बागपत में तैनात है और इस हत्याकांड के सिलसिले में उससे भी पूछताछ चल रही है. हालांकि अभी तक उसके इस शूटआउट में शामिल होने के सबूत नहीं मिले हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
बृजपाल तेवतिया, हमला, चार गिरफ्तार, सुरेश दीवान की हत्या का बदला, Brijpal Teotia Attacked, 4 Arrested, Revenge Attack
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com