जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में दक्षिणी पीर पंजाल (South Pir Panjal) को आतंकियों (Terrorists) ने अपना नया ठिकाना बना लिया है. पिछले दो सालों में आतंक का क्षेत्र पीर पंजाल के उत्तर से दक्षिण की ओर कैसे स्थानांतरित हो गया? दिल्ली में इस बात को लेकर चिंता जाहिर की जा रही है.
NDTV को पता चला है कि आतंकी हमलों को लेकर हालात का जायजा लेने के लिए इस सप्ताह की शुरुआत में यूनिफाइड कमांड की एक अर्जेंट मीटिंग बुलाई गई थी. इसमें अमरनाथ यात्रा में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही गई. यह यात्रा 29 जून को शुरू होगी और 19 अगस्त को समाप्त होगी.
नॉर्थ ब्लॉक, यानी केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, "पिछले कुछ सालों में सुरक्षा बलों की संख्या कम हो गई है, क्योंकि यह क्षेत्र अपेक्षाकृत शांत हो गया है. इस इलाके में आतंकवादियों की आवाजाही बढ़ी है और यही वजह है कि घटनाएं बढ़ रही हैं."
सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने किया ज्वाइंट ऑडिट
इस सप्ताह की शुरुआत में जम्मू क्षेत्र में सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने एक ज्वाइंट ऑडिट किया था जिसमें कमियां नोट की गई थीं. फील्ड पर मौजूद एक अधिकारी ने NDTV को बताया कि, "इन कमियों को दूर कर लिया गया है और क्षेत्र में डॉमिनेशन एक्सरसाइज की जा रही है."
सेना ने अब तक यही कहा है कि पिछले साल कोई घुसपैठ नहीं हुई, लेकिन हाल ही में हुई चार मुठभेड़ों ने उनकी रिपोर्ट को गलत साबित कर दिया है.
खुफिया सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान जम्मू क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है. यही वजह है कि आतंकवादी टारगेटेड अटैक कर रहे हैं.
जानबूझकर तीर्थयात्रियों को बनाया निशाना
नॉर्थ ब्लॉक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "तीर्थयात्रियों को निशाना बनाया गया, जबकि उन्हें अच्छी तरह पता था कि इससे क्षेत्र में तनाव पैदा हो सकता है." उन्होंने कहा कि भारत ने हाल ही में क्षेत्र में शांतिपूर्ण चुनाव कराए हैं.
अधिकारी ने कहा, "पाकिस्तान साफ तौर पर नहीं चाहता कि यह बात जोर पकड़े और इसीलिए वह आतंकवादियों को जम्मू क्षेत्र में भेज रहा हैा." उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस तथ्य को नष्ट करना चाहता है कि क्षेत्र में हालात पूरी तरह सामान्य हैं.
पाकिस्तान सीमा पार से भेज रहा आतंकी
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन ने संवाददाताओं से कहा कि, "स्थानीय (आतंकवादी) भर्तियों में कमी आने के कारण पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवादियों को भेज रहा है."
फील्ड पर मौजूद एक अन्य अधिकारी ने कहा, "चारों आतंकवादी हमलों से संकेत मिलता है कि यह प्रॉक्सी वार तीव्रता के अलग-अलग स्तरों पर जारी रहेगा और चाहे वह कश्मीर टाइगर्स हो या रेजिस्टेंस फ्रंट, इसमें नए ग्रुपों की संलिप्तता भी देखने को मिलेगी."
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