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This Article is From Apr 01, 2024

तेलंगाना फोन टैपिंग मामला : गिरफ्तार आला पुलिसकर्मी का बड़ा खुलासा

गिरफ्तार पुलिस अधिकारी राधाकृष्ण राव ने कहा, "इसमें शामिल अधिकारियों ने यह सुनिश्चित करने के बारे में बात की थी कि बीआरएस (जिसे पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति कहा जाता था) सत्ता में बनी रहे." 

तेलंगाना फोन टैपिंग मामला : गिरफ्तार आला पुलिसकर्मी का बड़ा खुलासा
हैदराबाद :

तेलंगाना (Telangana) में सामने आया जासूसी मामला अगले महीने होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के दौरान राज्‍य में बड़ा मुद्दा बन सकता है. गिरफ्तार पुलिस अधिकारियों में से एक राधाकृष्‍ण राव ने इस मामले को लेकर कई बड़े खुलासे किए हैं. राव ने दावा किया कि 2018 और 2023 के विधानसभा चुनावों में आधिकारिक वाहनों में नकदी ले जाई गई थी. पुलिस द्वारा दायर रिमांड रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तार पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रणीत राव, भुजंग राव, तिरुपतन्ना और वेणुगोपाल राव ने राज्‍य के तत्कालीन खुफिया ब्यूरो प्रमुख टी प्रभाकर राव के नेतृत्व में साजिश रची थी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि बीआरएस तेलंगाना की सत्ता में बनी रहे. राधाकृष्ण राव ने कथित उदाहरण के तौर पर दुब्बक और मुनुगोडे उपचुनाव का हवाला दिया. 

उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव से पहले कोमाटिरेड्डी राज गोपाल रेड्डी से जुड़े लोगों से ​3.5 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे. रेड्डी ने 2022 का उपचुनाव भाजपा के टिकट पर लड़ा था. वह बीआरएस के कुसुकुंतला प्रभाकर रेड्डी से हार गए. हालांकि 2023 के चुनाव के लिए कांग्रेस में शामिल हो गए और जीत दर्ज की. 

2020 में दुब्‍बक उपचुनाव में भाजपा के रघुनंदन राव ने बीआरएस के सोलिपेटा रेड्डी को हराया था. राधाकृष्ण राव के मुताबिक, इंटरसेप्‍ट कॉल के आधार पर बीजेपी नेता से जुड़ी चिटफंड कंपनी चलाने वाले एक व्यक्ति से एक करोड़ रुपये की जब्‍ती की गई थी. 2023 में वह बीआरएस के कोठे प्रभाकर रेड्डी से सीट हार गए थे. 

गिरफ्तार पुलिस अधिकारी राधाकृष्ण राव ने कहा, "इसमें शामिल अधिकारियों ने यह सुनिश्चित करने के बारे में बात की थी कि बीआरएस (जिसे पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति कहा जाता था) सत्ता में बनी रहे." 

राधाकृष्‍ण राव शहर के डीसीपी थे. अगस्त 2020 में सेवानिवृत्त होने पर वह तीन-तीन साल के लिए दो एक्सटेंशन पाने में कामयाब रहे. 

हालांकि उन्हें संदीप शांडिल्य की शिकायत और सिफारिश पर चुनाव से पहले स्थानांतरित कर दिया गया था. शांडिल्‍स को विधानसभा चुनाव से पहले आदर्श आचार संहिता लागू होने पर हैदराबाद का पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया था. 

प्रभाकर राव के इशारों पर किया काम : राव 

टी प्रभाकर राव का नाम मुख्‍य आरोपी के रूप में सामने आया है और उन्हें लुक-आउट नोटिस का सामना करना पड़ रहा है. वह फिलहाल अमेरिका में हैं. हालांकि सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि उनके जल्द ही जांच में शामिल होने की उम्मीद है. 

राव पहले पूर्व मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव के मुख्य सुरक्षा अधिकारी भी थे. राव ने कथित तौर पर जांच अधिकारियों को बताया कि उन्होंने प्रभाकर राव के निर्देशों पर काम किया. 

राधाकृष्ण राव को हैदराबाद के बंजारा हिल्स के एक पुलिस स्टेशन में पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था. उन्हें भी लुक-आउट नोटिस का सामना करना पड़ा था. 

BRS सदस्‍य के आदेश पर विपक्षी नेताओं की जासूसी  : राव 

अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत रिमांड रिपोर्ट में राव ने बरामदगी के उदाहरण दिए और दावा किया कि उन्होंने केसीआर की भारत राष्ट्र समिति के एक सदस्य के आदेश पर विपक्षी नेताओं की जासूसी की थी, जो 2014 में राज्य के गठन के बाद से तेलंगाना की राजनीति पर हावी रहा है. हालांकि पिछले साल के विधानसभा चुनाव में बीआरएस को कांग्रेस से हार मिली थी. 

तेलंगाना फोन टैपिंग मामले में सिर्फ राजनीतिक खुफिया जानकारी के लिए इलेक्ट्रॉनिक डेटा इकट्ठा करना शामिल नहीं है, बल्कि नेताओं और यहां तक ​​कि निजी कंपनियों और टॉलीवुड हस्तियों को ब्लैकमेल करने के लिए भी इसका इस्‍तेमाल किया गया. 

कांग्रेस नेता एन उत्तम कुमार रेड्डी ने एनडीटीवी को बताया कि यह सब पिछली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार के नेतृत्व की जानकारी में हुआ था. रेड्डी ने कहा, "यह केवल समय की बात है कि वे (बीआरएस) नेता जांच के दायरे में आएंगे."

सीएम रेड्डी सहित कई नेताओं के फोन टैप करने का आरोप  

इस मामले में तेलंगाना के कई अन्य पुलिस अधिकारियों की जांच की जा रही है. जिन व्यक्तियों के उपकरणों की कथित तौर पर निगरानी की गई थी, उनमें मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और भाजपा-कांग्रेस के सदस्यों के साथ केसीआर की पार्टी के लोग भी शामिल हैं. सूत्रों ने कहा है कि एक लाख से अधिक फोन कॉल टैप किए गए.

इस बीच, इससे पहले आज तेलंगाना के सिरसिल्ला के एक कांग्रेस नेता केके महेंद्र रेड्डी ने हैदराबाद के शीर्ष पुलिस अधिकारी से शिकायत की. उन्होंने संदेह जताया कि उनका और उनके परिवार के सदस्यों तथा सहयोगियों का फोन टैप किया गया है. उन्होंने पुलिस से नोटिस जारी करने के साथ ही पूर्व मंत्री और शीर्ष बीआरएस नेता केटी रामाराव से पूछताछ करने को कहा है, जिन्होंने क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीता था. 

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