नई दिल्ली:
सरकार के साथ टकराव के मोर्चे पर टीम अन्ना गुरुवार को अपने कदम पीछे खींचती दिखी और उसने घोषणा की कि वह कल शाम अपना अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त करेगी। उसने मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था के विकल्प की भी बात की।
हजारे ने दिल्ली में जंतर मंतर पर समर्थकों से कहा, ‘‘2014 के चुनाव में अभी दो साल और हैं। हमें अगले डेढ़ साल में पूरे देश में लोगों के पास जाना है। भूख हड़ताल पर क्यों समय बर्बाद किया जाए? कल शाम पांच सब अनशन समाप्त हो जाएगा।’’ हजारे ने अपने भाषण में राजनीतिक विकल्प तैयार करने के समाज के नजरिए का भी समर्थन किया।
हालांकि, इस बारे में अभी सवाल बरकरार हैं कि टीम अन्ना राजनीतिक विकल्प उपलब्ध कराने के लिए क्या करेगी और क्या वह खुद कोई राजनीतिक पार्टी शुरू करेगी।
टीम अन्ना ने लोगों से कहा कि वे राजनीतिक विकल्प के बारे में संदेशों और ई मेल या उनकी वेबसाइटों पर सर्वेक्षण के जरिए अपनी राय दें।
अन्ना हजारे ने लोकपाल विधेयक की मांग के समर्थन में अपना आंदोलन कल शाम पांच बजे खत्म करने की घोषणा ऐसे दिन की जब 22 गणमान्य लोगों ने टीम अन्ना से अनशन समाप्त करने की अपील की। अरविन्द केजरीवाल और अनशन कर रहे दो अन्य लोगों की हालत बिगड़ने के बीच यह अपील की गयी।
अपील करने वालों में प्रख्यात न्यायविद वी आर कृष्णा अय्यर, पूर्व थलसेना प्रमुख जनरल वी के सिंह शामिल हैं। अनशन समाप्त करने का यह फैसला हजारे या उनकी टीम के साथ बातचीत नहीं करने के सरकार के रूख के बीच आया है। एक साल पहले ही दोनों पक्ष विधेयक बनाने में शामिल थे और लोकपाल विधेयक के संबंध में संसद ने एक संकल्प पारित किया था।
पिछले साल अप्रैल और अगस्त में सरकार हजारे के आंदोलन के दबाव में झुकती नजर आई थी और उस समय जबर्दस्त भीड़ जुटी थी। टीम अन्ना ने सरकार के खिलाफ जमकर आरोप लगाए गए। हालांकि, हजारे ने प्रणव मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने के बाद उन पर हमला बोलने से इनकार कर दिया, लेकिन उनकी टीम के सदस्यों ने आरोप लगाना जारी रखा।
मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था का विकल्प उपलब्ध कराने की बात कहते हुए हजारे ने कोई राजनीतिक दल शुरू करने या इसमें शामिल होने की संभावना से इनकार किया, लेकिन लोगों से कहा कि वे इस बारे में विचार रखें कि विकल्प किस तरह मुहैया कराया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे लिए एक विकल्प के बारे में सेाचने का समय है। हम एक राजनीतिक विकल्प चाहते हैं। लेकिन मैं कोई पार्टी शुरू नहीं करूंगा या किसी पार्टी में शामिल नहीं हूंगा। लोगों को फैसला करना चाहिए कि टिकट किन्हें दिया जाए और उस वैकल्पिक व्यवस्था को कैसे हासिल किया जाए।’’ केजरीवाल ने कहा कि विकल्प के बारे में कहना आसान है, लेकिन इसे करना मुश्किल है। केजरीवाल को अनशन पर बैठे हुए आज नौ दिन हो गए।
उन्होंने जेपी आंदोलन का उदाहरण दिया और कहा कि उन्हें इस बात की चिंता है कि कहीं विकल्प में कोई भ्रष्ट नेता पैदा न हो जाए। अन्ना हजारे द्वारा अनशन समाप्त किए जाने की घोषणा को लेकर यह सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या इससे उनके सहयोगी आश्चर्यचकित रह गए।
उन्होंने यह घोषणा आज शाम चार बजे की और कहा कि वह और उनके सहयोगी कल अपना अनशन समाप्त करेंगे। उन्होंने यह घोषणा अपने 30 मिनट के भाषण में नहीं की, लेकिन तब की जब उनके सहयोगी अरविन्द केजरीवाल, किरण बेदी और कुमार विश्वास बोल चुके थे। हजारे के पहले भाषण में अनशन समाप्त किए जाने का कोई संकेत नहीं था।
हजारे ने दिल्ली में जंतर मंतर पर समर्थकों से कहा, ‘‘2014 के चुनाव में अभी दो साल और हैं। हमें अगले डेढ़ साल में पूरे देश में लोगों के पास जाना है। भूख हड़ताल पर क्यों समय बर्बाद किया जाए? कल शाम पांच सब अनशन समाप्त हो जाएगा।’’ हजारे ने अपने भाषण में राजनीतिक विकल्प तैयार करने के समाज के नजरिए का भी समर्थन किया।
हालांकि, इस बारे में अभी सवाल बरकरार हैं कि टीम अन्ना राजनीतिक विकल्प उपलब्ध कराने के लिए क्या करेगी और क्या वह खुद कोई राजनीतिक पार्टी शुरू करेगी।
टीम अन्ना ने लोगों से कहा कि वे राजनीतिक विकल्प के बारे में संदेशों और ई मेल या उनकी वेबसाइटों पर सर्वेक्षण के जरिए अपनी राय दें।
अन्ना हजारे ने लोकपाल विधेयक की मांग के समर्थन में अपना आंदोलन कल शाम पांच बजे खत्म करने की घोषणा ऐसे दिन की जब 22 गणमान्य लोगों ने टीम अन्ना से अनशन समाप्त करने की अपील की। अरविन्द केजरीवाल और अनशन कर रहे दो अन्य लोगों की हालत बिगड़ने के बीच यह अपील की गयी।
अपील करने वालों में प्रख्यात न्यायविद वी आर कृष्णा अय्यर, पूर्व थलसेना प्रमुख जनरल वी के सिंह शामिल हैं। अनशन समाप्त करने का यह फैसला हजारे या उनकी टीम के साथ बातचीत नहीं करने के सरकार के रूख के बीच आया है। एक साल पहले ही दोनों पक्ष विधेयक बनाने में शामिल थे और लोकपाल विधेयक के संबंध में संसद ने एक संकल्प पारित किया था।
पिछले साल अप्रैल और अगस्त में सरकार हजारे के आंदोलन के दबाव में झुकती नजर आई थी और उस समय जबर्दस्त भीड़ जुटी थी। टीम अन्ना ने सरकार के खिलाफ जमकर आरोप लगाए गए। हालांकि, हजारे ने प्रणव मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने के बाद उन पर हमला बोलने से इनकार कर दिया, लेकिन उनकी टीम के सदस्यों ने आरोप लगाना जारी रखा।
मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था का विकल्प उपलब्ध कराने की बात कहते हुए हजारे ने कोई राजनीतिक दल शुरू करने या इसमें शामिल होने की संभावना से इनकार किया, लेकिन लोगों से कहा कि वे इस बारे में विचार रखें कि विकल्प किस तरह मुहैया कराया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे लिए एक विकल्प के बारे में सेाचने का समय है। हम एक राजनीतिक विकल्प चाहते हैं। लेकिन मैं कोई पार्टी शुरू नहीं करूंगा या किसी पार्टी में शामिल नहीं हूंगा। लोगों को फैसला करना चाहिए कि टिकट किन्हें दिया जाए और उस वैकल्पिक व्यवस्था को कैसे हासिल किया जाए।’’ केजरीवाल ने कहा कि विकल्प के बारे में कहना आसान है, लेकिन इसे करना मुश्किल है। केजरीवाल को अनशन पर बैठे हुए आज नौ दिन हो गए।
उन्होंने जेपी आंदोलन का उदाहरण दिया और कहा कि उन्हें इस बात की चिंता है कि कहीं विकल्प में कोई भ्रष्ट नेता पैदा न हो जाए। अन्ना हजारे द्वारा अनशन समाप्त किए जाने की घोषणा को लेकर यह सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या इससे उनके सहयोगी आश्चर्यचकित रह गए।
उन्होंने यह घोषणा आज शाम चार बजे की और कहा कि वह और उनके सहयोगी कल अपना अनशन समाप्त करेंगे। उन्होंने यह घोषणा अपने 30 मिनट के भाषण में नहीं की, लेकिन तब की जब उनके सहयोगी अरविन्द केजरीवाल, किरण बेदी और कुमार विश्वास बोल चुके थे। हजारे के पहले भाषण में अनशन समाप्त किए जाने का कोई संकेत नहीं था।
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