प्रतीकात्मक फोटो.
पणजी:
टूरिस्ट टैक्सी संचालकों ने रविवार को अपनी हड़ताल समाप्त कर दी. गोवा में गति नियंत्रक लगाने को अनिवार्य बनाने संबंधी नियम के खिलाफ तीन दिन की हड़ताल के बाद टूरिस्ट टैक्सी संचालकों ने मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर से यह आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल वापस ले ली कि उन्हें वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाने के लिए और समय मिलेगा.
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सभी टैक्सियों में 28 फरवरी तक स्पीड गवर्नर लगाने के राज्य सरकार के निर्देश के विरोध में 19 जनवरी को हड़ताल की शुरुआत हुई थी. सरकार ने कहा था कि 28 फरवरी तक स्पीड गवर्नर नहीं लगाने पर परिवहन विभाग उनके लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जारी नहीं करेगा. पर्रिकर ने संवाददाताओं से कहा कि टैक्सी संचालकों को और वक्त दिया जाएगा, क्योंकि राज्य में पर्याप्त संख्या में स्पीड गवर्नर मौजूद नहीं हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय में हस्तक्षेप याचिका दायर नहीं करेगी जहां वर्तमान में स्पीड गवर्नर लागू करने पर सुनवाई हो रही है. पर्रिकर ने कहा, 'हम उच्चतम न्यायालय से आग्रह करेंगे कि राज्य में टैक्सियों में स्पीड गवर्नर लगाने की जरूरत नहीं है.' उन्होंने कहा कि प्रति घंटे 80 किलोमीटर की गति सीमा का गोवा में कोई मतलब नहीं है.
VIDEO : सड़क सुरक्षा के लिए छात्र आए आगे, किए कई कार्यक्रम
उन्होंने दावा किया, 'हमारे विचार से गोवा में पर्यटक टैक्सियों में स्पीड गवर्नर की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उन्हें लगाने से राज्य में कुछ भी नहीं बदलने जा रहा है. मुझे भी लगता है कि टैक्सियों से ज्यादा दुर्घटनाएं नहीं होतीं.' भाजपा विधायक माइकल लोबो ने प्रदर्शनकारियों एवं सरकार के बीच समझौता कराया.
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सभी टैक्सियों में 28 फरवरी तक स्पीड गवर्नर लगाने के राज्य सरकार के निर्देश के विरोध में 19 जनवरी को हड़ताल की शुरुआत हुई थी. सरकार ने कहा था कि 28 फरवरी तक स्पीड गवर्नर नहीं लगाने पर परिवहन विभाग उनके लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जारी नहीं करेगा. पर्रिकर ने संवाददाताओं से कहा कि टैक्सी संचालकों को और वक्त दिया जाएगा, क्योंकि राज्य में पर्याप्त संख्या में स्पीड गवर्नर मौजूद नहीं हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय में हस्तक्षेप याचिका दायर नहीं करेगी जहां वर्तमान में स्पीड गवर्नर लागू करने पर सुनवाई हो रही है. पर्रिकर ने कहा, 'हम उच्चतम न्यायालय से आग्रह करेंगे कि राज्य में टैक्सियों में स्पीड गवर्नर लगाने की जरूरत नहीं है.' उन्होंने कहा कि प्रति घंटे 80 किलोमीटर की गति सीमा का गोवा में कोई मतलब नहीं है.
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उन्होंने दावा किया, 'हमारे विचार से गोवा में पर्यटक टैक्सियों में स्पीड गवर्नर की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उन्हें लगाने से राज्य में कुछ भी नहीं बदलने जा रहा है. मुझे भी लगता है कि टैक्सियों से ज्यादा दुर्घटनाएं नहीं होतीं.' भाजपा विधायक माइकल लोबो ने प्रदर्शनकारियों एवं सरकार के बीच समझौता कराया.
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