प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
सरकार ने मोबाइल के आईएमईआई नंबर में छेड़छाड़ को दंडनीय अपराध बना दिया है जिसमें दोषी पाये जाने पर तीन साल तक की जेल हो सकती है. सरकार ने मोबाइल चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाया है. आईएमईआई नंबर किसी भी मोबाइल के लिए 15 अंकों की विशिष्ट डिजिटल संख्या होती है. दूरसंचार विभाग ने इस बारे में एक अधिसूचना 25 अगस्त को जारी की थी. इस कदम से फर्जी आईएमईआई नंबर से जुड़े मुद्दों पर काबू पाने व खोए मोबाइल फोनों का पता लगाने में मदद मिलने की उम्मीद है. अधिसूचना में कहा गया कि किसी भी मोबाइल के अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान (आईएमईआई) नंबर में जानबूझकर छेड़खानी, बदलाव या उसे मिटाना अवैध है.
नए नियम को मोबाइल उपकरण पहचान संख्या में छेड़छाड़ निरोधक नियम 2017 नाम दिया गया है. ये नियम इंडियन टेलीग्राफ कानून की धारा सात व धारा 25 के संयोजन से बनाया गया है. इस बीच दूरसंचार विभाग एक नई प्रणाली भी लागू कर रहा है जिसके तहत किसी भी नेटवर्क के खो गए और चोरी हुए मोबाइल की सभी सेवाएं बंद की जा सकेंगी भले ही उसके सिम या आईएमईआई नंबर को बदल दिया जाए.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
नए नियम को मोबाइल उपकरण पहचान संख्या में छेड़छाड़ निरोधक नियम 2017 नाम दिया गया है. ये नियम इंडियन टेलीग्राफ कानून की धारा सात व धारा 25 के संयोजन से बनाया गया है. इस बीच दूरसंचार विभाग एक नई प्रणाली भी लागू कर रहा है जिसके तहत किसी भी नेटवर्क के खो गए और चोरी हुए मोबाइल की सभी सेवाएं बंद की जा सकेंगी भले ही उसके सिम या आईएमईआई नंबर को बदल दिया जाए.
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