चेन्नई:
तमिलनाडु की 234 विधानसभा सीटों पर 13 अप्रैल को होने जा रहे चुनाव के लिए बिना किसी रोक-टोक के चल रहा प्रचार अभियान खत्म हो गया। बुधवार को होने जा रहे इस चुनाव में राज्य के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि, प्रमुख विपक्षी दल अन्नाद्रमुक की अध्यक्ष जयललिता, उप मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और डीएमडीके पार्टी के संस्थापक ए विजयकांत सहित कुल 2,773 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा। प्रचार अभियान के दौरान किसी भी पार्टी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। करुणानिधि ने लोगों को विकास का सपना दिखाया तो जयललिता ने सत्तारूढ़ पार्टी की असफलता को अपना चुनावी एजेंडा बनाया। हालांकि चुनाव आयोग की तेज नजरों के कारण चुनाव प्रचार में मतदाताओं का ध्यानाकषर्ण करने वाली क्रियाएं मसलन, दीवारों पर लिखना और पोस्टर चिपकाने की घटनाएं नहीं के बराबर हुई। एक ओर जहां मुख्यमंत्री करुणानिधि और उनके परिवार पर जयललिता और विजयकांत ने निजी हमले किए, वहीं कई नेताओं ने अपनी विरोधी पार्टी के नेताओं के खिलाफ चुनाव आयोग के समक्ष शिकायतें दर्ज कराईं। बहरहाल, बहुचर्चित 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले को प्रचार अभियान में ज्यादा महत्व नहीं दिया गया और स्थानीय मुद्दे ही हावी रहे।
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