तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने शुक्रवार को एक बड़ा कदम उठाया. उन्होंने राज्य में ऑनलाइन जुआ पर रोक लगाने और ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित करने के लिए विधानसभा की ओर से पारिस विधेयक को वापस कर दिया है. कानून विभाग के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने कहा है कि राज्यपाल ने विधेयक पर कुछ सवाल उठाए हैं. अध्यक्ष के कार्यालय ने इसे प्राप्त कर लिया गया है. मामले से जुड़े लोग इसे राज्य की डीएमके सरकार और राज्यपाल के बीच टकराव की निरंतरता के रूप में देख रहे हैं.
ऑनलाइन जुए में हार के बाद लगभग 20 लोगों की आत्महत्या की खबरों पर गौर करते हुए विधानसभा ने बीते साल अक्टूबर में एक विधेयक पारित किया था. एक सरकारी अधिकारी ने कहा, "ऑनलाइन जुए में हार के बाद अब तक राज्य में 44 लोगों की मौत हो गई है." हालांकि, डीएमके से पहले एआईएडीएमके सरकार ने ऑनलाइन जुआ को लेकर एक कानून बनाया था, लेकिन अदालत ने इसे रद्द कर दिया था.
तमिलनाडु की सत्ता में आने के बाद डीएमके ने पूर्व जस्टिस के चंद्रू के तहत विशेष रूप से गठित समिति की सिफारिशों के आधार पर विधेयक तैयार किया. इस विधेयक का उद्देश्य ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाना और ऑनलाइन गेम को विनियमित करना है.
1 अक्टूबर, 2022 को राज्यपाल ने ऑनलाइन जुआ निषेध और रमी, पोकर से संबंधित ऑनलाइन गेम के नियमन से जुड़ा अध्यादेश-2022 लागू किया था. 3 अक्टूबर को सरकार द्वारा एक गजट अधिसूचना जारी की गई थी. उसके बाद 17 अक्टूबर को तमिलनाडु विधानसभा का संक्षिप्त सत्र हुआ था जिसमें यह विधेयक पारित किया गया था.
डीएमके ने राज्यपाल को बताया RSS का एजेंट
सत्तारूढ़ डीएमके और उसके सहयोगियों ने इस कदम के लिए राज्यपाल को "आरएसएस और बीजेपी का एजेंट" करार दिया है. डीएमके ने राज्यपाल आरएन रवि पर "राज्य के विकास में बाधा" के रूप में काम करने का आरोप भी लगाया है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिखकर इस मामले में दखल देने की अपील की है.
बीजेपी ने दिया ये सुझाव
राजभवन द्वारा विधेयक लौटाए जाने के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने सुझाव दिया कि तमिलनाडु सरकार को आवश्यक बदलावों के साथ एक और विधेयक पेश करना चाहिए. अन्नामलाई ने कोयम्बटूर में संवाददाताओं से कहा कि इस प्रारूप के साथ उच्चतम न्यायालय या केंद्र द्वारा विधेयक को खारिज किए जाने की संभावना है. उन्होंने कहा कि सरकार को लोगों को सूचित करना चाहिए कि राज्यपाल ने किस आधार पर विधेयक लौटाया ताकि वे इस मुद्दे पर फैसला कर सकें.
पहले भी सवाल उठा चुकी है सरकार
तमिलनाडु सरकार ने आनलाइन गेम को लेकर इससे पहले भी सवाल उठा चुकी है कि साइबर स्पेस में मोबाइल एप्लीकेशन या कंप्यूटर एल्गोरिदम का प्रयोग करके खेले जाने वाले आनलाइन रमी, पोकर या अन्य खेल जिसमें शारीरिक मौजूदगी नहीं है, उन्हें गेम्स आफ स्किल कहा जाएगा या गेम्स आफ चांस कहा जाएगा?
क्या कहता है कानून?
कानून के अनुसार, ऑनलाइन गेम का कोई भी आपूर्तिकर्ता ऑनलाइन जुआ सेवाओं की पेशकश नहीं कर सकता है. इसके अलावा, किसी भी ऑनलाइन जुए के गेमिंग की अनुमति नहीं दे सकता है, जिसमें नकद या अन्य जोखिमों के उपयोग की आवश्यकता होती है या नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी ऑनलाइन गेम के गेमिंग की अनुमति होती है.
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