
हिमीांशु रॉय (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र पुलिस के एडिशनल डायरेक्टर जनरल हिमांशु रॉय ने खुदकुशी कर ली. वे 49 वर्ष के थे और महाराष्ट्र एटीएस के चीफ भी रहे थे. छह फुट से अधिक ऊंचाई वाले हट्टे-तगड़े और बड़ी-बड़ी मूंछों वाले आईपीएस अफसर हिमांशु रॉय जहां भी रहे चर्चित रहे.
राजपूत जाति से आने वाले हिमांशु साल 1988 में महाराष्ट्र कैडर से आईपीएस अधिकारी चयनित हुए थे. उनके पिता मुंबई के कोलाबा इलाके के प्रसिद्ध डॉक्टर थे. वे अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे. बारहवीं क्लास में पहुंचते-पहुंचते वे दवाओं के बारे में काफी जानने-समझने लगे थे. हालांकि इसके बाद उन्होंने सीए के रूप में करियर बनाने का मन बनाया. करीब दो साल बाद उन्होंने सबसे हटकर कुछ करने की तमन्ना में आईपीएस बनने के लिए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.
मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज के छात्र रहे हिमांशु रॉय की सन 1990 में मुंबई के मझगांव में प्रसिद्ध लेखक अमीश त्रिपाठी की बहन भावना से मुलाकात हुई जो कि आईएएस के लिए तैयारी कर रही थीं. दो साल बाद इन दोनों ने शादी कर ली. इसके बाद भावना आईएएस की तैयारी छोड़कर एचआईवी रोगियों के कल्याण सहित समाजसेवा के अन्य कार्यों में जुट गईं.
यह भी पढ़ें : IPL स्पॉट फिक्सिंग सहित कई बड़े केस सुलझाने वाले महाराष्ट्र पुलिस के एडीजी हिमांशु रॉय ने की खुदकुशी
रॉय की पहली पोस्टिंग सन 1991 मे मालेगांव में हुई. वहां उन्होंने बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के बाद भड़के दंगों को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाई. वे 1995 में नासिक (ग्रामीण) के सबसे युवा एसपी बने. इसके बाद वे अहमदनगर के एसपी और फिर आर्थिक अपराध शाखा के डीसीपी बने. इसके बाद ट्रैफिक के डीसीपी बने. सन 2004 से 2007 तक वे नासिक के पुलिस कमिश्नर रहे. साल 2009 में उन्हें मुंबई का ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर बनाया गया. एटीएस चीफ बनाए जाने के बाद उन्हें मुंबई में पहली साइबर क्राइम सेल स्थापित करने का श्रेय मिला. उनकी महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में डकैत विरोधी योजनाएं और वूमेन सेल आज भी मॉडल के रूप में महाराष्ट्र में देखी जा सकती हैं.
छह फुट से अधिक ऊंचाई वाले हट्टे-तगड़े और बड़ी-बड़ी मूंछों वाले आईपीएस अफसर हिमांशु रॉय अपनी इन खासियतों के कारण जहां भी रहे चर्चित रहे. वे अपनी फिटनेस पर हमेशा बहुत ध्यान देते थे.
VIDEO : हिमांशु रॉय ने खुद को गोली मारकर जान दी
आईपीएल की सट्टेबाजी और दाउद की संपत्ति को जब्त करने के अभियान में रॉय की महत्वपूर्ण भूमिका थी. साल 2013 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में हिमांशु रॉय ने बिंदु दारा सिंह को गिरफ्तार किया था. हिमांशु रॉय के कार्यकाल में ही मुंबई हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. इसके अलावा चर्चित पत्रकार जेडे की हत्या की गुत्थी को भी सुलझाने में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. रॉय बीमारी के चलते 2016 से ऑफिस नहीं जा रहे थे. वे ब्लड कैंसर से पीड़ित थे. बताया जाता है कि डिप्रेशन के चलते उन्होंने आत्महत्या कर ली.
राजपूत जाति से आने वाले हिमांशु साल 1988 में महाराष्ट्र कैडर से आईपीएस अधिकारी चयनित हुए थे. उनके पिता मुंबई के कोलाबा इलाके के प्रसिद्ध डॉक्टर थे. वे अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे. बारहवीं क्लास में पहुंचते-पहुंचते वे दवाओं के बारे में काफी जानने-समझने लगे थे. हालांकि इसके बाद उन्होंने सीए के रूप में करियर बनाने का मन बनाया. करीब दो साल बाद उन्होंने सबसे हटकर कुछ करने की तमन्ना में आईपीएस बनने के लिए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.
मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज के छात्र रहे हिमांशु रॉय की सन 1990 में मुंबई के मझगांव में प्रसिद्ध लेखक अमीश त्रिपाठी की बहन भावना से मुलाकात हुई जो कि आईएएस के लिए तैयारी कर रही थीं. दो साल बाद इन दोनों ने शादी कर ली. इसके बाद भावना आईएएस की तैयारी छोड़कर एचआईवी रोगियों के कल्याण सहित समाजसेवा के अन्य कार्यों में जुट गईं.
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रॉय की पहली पोस्टिंग सन 1991 मे मालेगांव में हुई. वहां उन्होंने बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के बाद भड़के दंगों को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाई. वे 1995 में नासिक (ग्रामीण) के सबसे युवा एसपी बने. इसके बाद वे अहमदनगर के एसपी और फिर आर्थिक अपराध शाखा के डीसीपी बने. इसके बाद ट्रैफिक के डीसीपी बने. सन 2004 से 2007 तक वे नासिक के पुलिस कमिश्नर रहे. साल 2009 में उन्हें मुंबई का ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर बनाया गया. एटीएस चीफ बनाए जाने के बाद उन्हें मुंबई में पहली साइबर क्राइम सेल स्थापित करने का श्रेय मिला. उनकी महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में डकैत विरोधी योजनाएं और वूमेन सेल आज भी मॉडल के रूप में महाराष्ट्र में देखी जा सकती हैं.
छह फुट से अधिक ऊंचाई वाले हट्टे-तगड़े और बड़ी-बड़ी मूंछों वाले आईपीएस अफसर हिमांशु रॉय अपनी इन खासियतों के कारण जहां भी रहे चर्चित रहे. वे अपनी फिटनेस पर हमेशा बहुत ध्यान देते थे.
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आईपीएल की सट्टेबाजी और दाउद की संपत्ति को जब्त करने के अभियान में रॉय की महत्वपूर्ण भूमिका थी. साल 2013 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में हिमांशु रॉय ने बिंदु दारा सिंह को गिरफ्तार किया था. हिमांशु रॉय के कार्यकाल में ही मुंबई हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. इसके अलावा चर्चित पत्रकार जेडे की हत्या की गुत्थी को भी सुलझाने में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. रॉय बीमारी के चलते 2016 से ऑफिस नहीं जा रहे थे. वे ब्लड कैंसर से पीड़ित थे. बताया जाता है कि डिप्रेशन के चलते उन्होंने आत्महत्या कर ली.
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