विज्ञापन
This Article is From Aug 01, 2016

नई दिल्ली-मुंबई मार्ग पर टैल्गो ट्रेन का ट्रायल, राजधानी से 4 घंटे कम समय लेगी

नई दिल्ली-मुंबई मार्ग पर टैल्गो ट्रेन का ट्रायल, राजधानी से 4 घंटे कम समय लेगी
नई दिल्ली: स्पेन निर्मित ट्रेन 'टैल्गो' का तीसरा और अंतिम चरण का परीक्षण सोमवार से नई दिल्ली से मुंबई तक शुरू हुआ और इसका उद्देश्य अधिकतम 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति हासिल करना होगा. उम्मीद है कि यह ट्रेन राजधानी ट्रेन से करीब चार घंटे कम समय में ही वित्तीय राजधानी मुंबई पहुंच जाएगी.

टैल्गो ट्रेन का उद्देश्य दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा समय कम करके 12 घंटे करना है. नौ कम वजन के कोच के साथ यह ट्रेन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से शाम 7.55 बजे पर शुरू होगी और उम्मीद है कि यह ट्रेन सुबह साढ़े आठ बजे मुंबई पहुंच जाएगी.

रेलवे बोर्ड के सदस्य (मेकेनिकल) हेमंत कुमार ने कहा, 'यह टाइमिंग परीक्षण है और हम यह पता लगाना चाहते हैं कि यदि हम ऐसे कोच को अपनी पटरियों पर चलने की इजाजत दें तो हम कितना समय बचा सकते हैं. ऐसे चार परीक्षण किए जाएंगे जिस दौरान गति 130 किलोमीटर प्रतिघंटा से 150 किलोमीटर प्रतिघंटा रहेगी.' दूसरा परीक्षण पांच अगस्त को, तीसरा नौ अगस्त को और चौथा एवं अंतिम परीक्षण 14 अगस्त को होगा.

कुमार ने कहा, 'सोमवार को पहले परीक्षण के दौरान गति 130 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी और ट्रेन द्वारा मुंबई पहुंचने में 12 घंटे 36 मिनट लिए जाने की संभावना है. राजधानी जहां 16 घंटे लेती है, यह ट्रेन वहां पहुंचने में उससे चार घंटे कम समय लेगी.'

कुमार ने कहा कि यह ट्रेन हल्की है और यह गति बढ़ाने के साथ ही मोड़ों पर गति कम करने में कम समय लेती है. उन्होंने कहा, 'यह हमारा टाइमिंग परीक्षण है. हमने पलवल और मथुरा के बीच सुरक्षा परीक्षण पहले ही कर लिया है, जहां हमने लोडेड और खाली दोनों ही स्थिति में 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति हासिल की थी.'

दिल्ली और मुंबई के बीच दूसरे परीक्षण के दौरान गति 130 किलोमीटर प्रति घंटा ही रहेगी और तीसरे परीक्षण के दौरान ट्रेन की गति 140 किलोमीटर रखी जाएगी.

उन्होंने कहा, 'चौथे परीक्षण में गति 150 किलोमीटर प्रतिघंटा रहेगी तथा मोड़ों पर गति अधिक रहेगी. हम उम्मीद करते हैं कि 150 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति पर ट्रेन मुंबई पहुंचने में 11 घंटे 30 मिनट लेगी.' यद्यपि कुमार ने कहा कि ट्रेन को भारतीय रेलवे में उसके वर्तमान स्वरूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.

उन्होंने कहा, 'इसमें प्लेटफार्म की उंचाई कम है और इस स्वरूप में इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. परीक्षण के बाद हम इसके इस्तेमाल पर निर्णय करेंगे और तब हमें इसके लिए तरीके एवं साधन खोजना होगा कि हम यह कैसे करेंगे.'

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com