केंद्र के वायु गुणवत्ता आयोग ने पठानकोट को छोड़कर पंजाब के सभी जिलों के उपायुक्तों को शुक्रवार को निर्देश दिया कि वे कृषि प्रधान राज्य में पराली जलाने की संख्या में तेजी से कमी लाने के लिए उपाय करें. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में पिछले दो दिनों से स्मॉग की मोटी परत छाई हुई है, जिसके मुख्य कारणों में पंजाब में पराली जलाना और प्रतिकूल मौसम हैं.
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने पंजाब के मुख्य सचिव और पठानकोट को छोड़कर शेष 22 जिलों के उपायुक्तों के साथ एक बैठक में राज्य में पराली जलाए जाने की घटनाओं पर काबू के लिए उपायों के कार्यान्वयन की समीक्षा की. पठानकोट में पराली जलाए जाने की कोई घटना नहीं हुई है.
एक बयान में कहा गया है कि समीक्षा बैठक का प्राथमिक ध्यान पिछले कुछ दिनों में पराली जलाए जाने के मामलों में अचानक वृद्धि को रोकने के लिए कार्रवाई तेज करने की आवश्यकता पर जोर देना था.
बयान के अनुसार बैठक में मुख्य सचिव और उपायुक्तों को पराली जलाए जाने की घटनाओं में कमी लाने की उनकी पूर्व प्रतिबद्धताओं की याद दिलाई गई. अमृतसर, बरनाला, बठिंडा, फिरोजपुर, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, संगरूर, तरनतारन और पटियाला जैसे 10 जिलों के उपायुक्तों को विशेष रूप से सलाह दी गई है कि वे पराली जलाए जाने की घटनाओं के मद्देनजर कार्य योजना के कार्यान्वयन के लिए विशेष ध्यान दें.
पंजाब सरकार के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि वे राज्य में पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के लिए पूरा प्रयास करेंगे.
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