अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट (US Supreme Court) ने मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा (Tahawwur Hussain Rana) के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. इसे भारत के लिए बड़ी कामयाबी माना जा रहा है. भारत लंबे समय से राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था. आपको बता दें कि राणा 2008 में हुए मुंबई आतंकवादी हमलों का वांटेड अपराधी है. राणा पर मुंबई आकर रेकी करने का आरोप है. इसी के साथ लश्कर और ISI के लिए भी काम करने का आरोप लगा है.
तहव्वुर राणा की अपील खारिज
तहव्वुर राणा इस वक्त लॉस एंजेलिस के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में हिरासत में है. 13 नवंबर 2024 को राणा ने प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ अपील की थी, जिसे अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 21 जनवरी को खारिज कर दिया था. इससे पहले उसने सैन फ्रांसिस्को की एक अदालत में अपील की थी, जहां उसकी याचिका को खारिज कर दिया गया था. अमेरिकी अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे भारत भेजा जा सकता है.
मुंबई हमले में 160 से ज्यादा लोगों की मौत
मुंबई हमले की चार्जशीट में राणा का नाम भी आरोपी के तौर पर दर्ज है. इसके मुताबिक राणा ISI और लश्कर-ए-तैयबा का मेंबर है. चार्जशीट के मुताबिक तहव्वुर राणा हमले के मास्टरमाइंड मुख्य आरोपी डेविड कोलमैन हेडली की मदद कर रहा था. 27 साल पहले मुंबई में आतंंकियों के नापाक मंसूबों की वजह से 160 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी. इस आतंकी हमले ने पूरे देश को गमगीन कर दिया था
तहव्वुर राणा कभी पाकिस्तान की सेना में डॉक्टर था और जिस पर 26 नवंबर 2008 के मुंबई हमलों में शामिल होने का आरोप है. यह हमला ऐसा था जिसे भारत कभी भुला नहीं सकेगा. 26 नवंबर की रात से लेकर 29 नवंबर की सुबह तक मुंबई में मौत का तांडव हुआ. पाकिस्तान से समुद्र के रास्ते मुंबई आए दस आतंकियों ने शहर के प्रमुख रेलवे स्टेशन, पांच सितारा होटलों, अस्पताल और यहूदी सांस्कृतिक केंद्र को निशाना बनाया. उन दस आतंकियों में से केवल एक, अजमल कसाब, को जिंदा पकड़ा जा सका, जबकि बाकी नौ मुठभेड़ में मारे गए.
अमेरिका में हेडली ने दी थी राणा की जानकारी
अमेरिका में पकड़े जाने के बाद हेडली ने मुंबई हमले की साजिश में अपनी और राणा की भूमिका की पूरी जानकारी जांच अधिकारियों को दी. अमेरिका की अदालत ने हेडली को 35 साल जेल की सजा सुनाई, लेकिन राणा को मुंबई हमलों के मामले में बरी कर दिया. हालांकि, उसे डेनमार्क में आतंकी हमले की साजिश के लिए 14 साल की सजा मिली. इस बीच, भारत ने 26/11 हमले के एक अन्य आरोपी, जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबू जुंदाल, को गिरफ्तार किया. मुंबई पुलिस ने हेडली को अदालत से माफी दिलवाकर सरकारी गवाह बना लिया. वीडियो कॉल के जरिये हेडली ने अदालत में हमले की पूरी कहानी बयान की और राणा की भूमिका के बारे में भी बताया.
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