सुशील कुमार मोदी ने अकेले दम लालू परिवार का किला ढहाया, जानें 5 अहम बातें

सुशील कुमार मोदी और लालू प्रसाद यादव का पुराना नाता रहा है. दोनों ही नेताओं ने छात्र राजनीति से सियासी सफर शुरू किया.

सुशील कुमार मोदी ने अकेले दम लालू परिवार का किला ढहाया, जानें 5 अहम बातें

फाइल फोटो

पिछले 90 दिनों में एक के बाद एक ताबड़तोड़ प्रेस कांफ्रेंस करके बिहार बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने लालू परिवार के खिलाफ जिस तरह मोर्चा खोला, उसकी परिणति बिहार में महागठबंधन के टूटने से हुई. इस पृष्‍ठभूमि में लालू परिवार पर सुशील मोदी के पांच प्रमुख आरोपों पर एक नजर :  

1. सुशील मोदी ने लालू और उनके परिवार के पास करीब एक हजार करोड़ रुपये की 'बेनामी संपत्ति' होने का दावा किया था. इस पर लालू यादव ने सुशील मोदी पर मानहानि का मुकदमा करने की धमकी भी दी.

2. तत्‍कालीन उपमुख्‍यमंत्री तेजस्‍वी यादव पर आरोप लगाया कि 26 साल में उम्र में उनकी 26 संपत्तियां हैं. तेजस्‍वी यादव के नाम से 13 जमीनों की रजिस्‍ट्री है. 1993 में जब तेजस्‍वी साढ़े तीन साल के थे तब ही उनके नाम दो जमीन की रजिस्‍ट्री हो गई थी. उन्‍होंने लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप पर अवैध ढंग से पेट्रोल पंप हासिल करने का मसला भी उठाया. इसके चलते उस पेट्रोल पंप का आवंटन रद किया गया.

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3. उन्‍होंने पटना में बन रहे लालू प्रसाद के मॉल के मालिकाना हक समेत उसके निर्माण कार्य से लेकर मिट्टी पहुंचाए जाने का मुद्दा उठाया. बाद में बिहार सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा देकर स्वीकार किया कि पटना में लालू परिवार का करोड़ों रुपये  की लागत से बनने वाला मॉल पर्यावरण कानून का उल्लंघन कर बन रहा था. इसकी मिट्टी अवैध तरीके से चिड़ियाघर को बेची गई.

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4. बेनामी संपत्ति मामले और मनी लांड्रिंग केस में लालू प्रसाद यादव की बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती और उनके पति के दिल्ली स्थित तीन फार्महाउसों और उनसे संबंधित एक फर्म पर प्रवर्तन निदेशालय ने छापे मारे. इस मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद एवं उनके परिवार के कुछ सदस्यों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की और पूछताछ भी की. लालू प्रसाद के 21 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने छापे मारे.

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5. सुशील कुमार मोदी और लालू प्रसाद यादव का पुराना नाता रहा है. दोनों ही नेताओं ने छात्र राजनीति से सियासी सफर शुरू किया. 1973 में पटना यूनिवर्सिटी के छात्र संघ चुनाव में सुशील मोदी जनरल सेक्रेट्री चुने गए. उस दौरान छात्र संघ अध्‍यक्ष लालू प्रसाद यादव बने. 1996 में उन्‍होंने पटना हाई कोर्ट में लालू प्रसाद के खिलाफ जनहित याचिका दायर की. बाद में यह मामला चारा घोटाले के रूप में जाना गया.


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