थोदुपुझा (केरल):
राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन को बड़ी राहत देते हुए सत्र अदालत ने सूर्यनेल्ली रेप कांड में इस कांग्रेसी नेता को शामिल करने की मांग वाली पीड़ित की याचिका खारिज कर दी।
17 साल पुराने मामले में पीड़ित ने इस मामले के एकमात्र दोषी धर्मराजन के 'खुलासों' के आधार पर अदालत में कुरियन के खिलाफ याचिका दायर की थी। धर्मराजन ने मीडिया को दिए साक्षात्कार में दावा किया था कि वह कुरियन को एक कार में बैठाकर कुमिली के एक अतिथि गृह लेकर गया था, जहां उक्त लड़की मौजूद थी।
धर्मराजन बाद में अदालत में इस दावे से पलट गया था और उसने हलफनामे के जरिये कहा था कि वह कुरियन से कभी नहीं मिला और जब उसने मीडिया में आरोप लगाए थे, उस समय वह नशे की हालत में था। सत्र न्यायाधीश अब्राहम मैथ्यू ने अपने आदेश में कहा कि सेक्स प्रकरण में कुरियन को शामिल करने की पीड़ित की याचिका में दम नहीं है।
पीड़ित ने दोषी एसएस धर्मराजन के इस खुलासे के आधार पर निजी पुनर्विचार याचिका दायर की थी कि वह कुरियन को लेकर अतिथि गृह गया था। एक चैनल को दिए साक्षात्कार के कुछ दिन बाद, कई सालों तक फरार रहने वाले धर्मराजन को कर्नाटक से गिरफ्तार किया गया। हालांकि धर्मराजन 28 मई को अदालत के सामने हलफनामे के जरिये अपने बयान से मुकर गया।
इस मामले के दो अन्य आरोपी जमाल और उन्नीकृष्णन नायर ने उसके बयान का विरोध किया था। पीरूमाडे की प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत के धर्मराजन के बयान के आधार पर नए सिरे से जांच की मांग वाली पीड़ित की याचिका खारिज करने के बाद पीड़ित ने सत्र न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
वर्ष 1996 का यह मामला हाल में उस समय फिर से चर्चा में आया जब उच्चतम न्यायालय ने इस मामले के 35 आरोपियों को बरी करने के केरल उच्च न्यायालय के फैसले को अवैध करार दिया था। केरल में इदुक्की जिले के सूर्यनेल्ली की लड़की का जनवरी, 1996 में अपहरण किया था और उसे केरल में कई जगह ले जाया गया जहां विभिन्न लोगों ने उसका यौन शोषण किया था।
17 साल पुराने मामले में पीड़ित ने इस मामले के एकमात्र दोषी धर्मराजन के 'खुलासों' के आधार पर अदालत में कुरियन के खिलाफ याचिका दायर की थी। धर्मराजन ने मीडिया को दिए साक्षात्कार में दावा किया था कि वह कुरियन को एक कार में बैठाकर कुमिली के एक अतिथि गृह लेकर गया था, जहां उक्त लड़की मौजूद थी।
धर्मराजन बाद में अदालत में इस दावे से पलट गया था और उसने हलफनामे के जरिये कहा था कि वह कुरियन से कभी नहीं मिला और जब उसने मीडिया में आरोप लगाए थे, उस समय वह नशे की हालत में था। सत्र न्यायाधीश अब्राहम मैथ्यू ने अपने आदेश में कहा कि सेक्स प्रकरण में कुरियन को शामिल करने की पीड़ित की याचिका में दम नहीं है।
पीड़ित ने दोषी एसएस धर्मराजन के इस खुलासे के आधार पर निजी पुनर्विचार याचिका दायर की थी कि वह कुरियन को लेकर अतिथि गृह गया था। एक चैनल को दिए साक्षात्कार के कुछ दिन बाद, कई सालों तक फरार रहने वाले धर्मराजन को कर्नाटक से गिरफ्तार किया गया। हालांकि धर्मराजन 28 मई को अदालत के सामने हलफनामे के जरिये अपने बयान से मुकर गया।
इस मामले के दो अन्य आरोपी जमाल और उन्नीकृष्णन नायर ने उसके बयान का विरोध किया था। पीरूमाडे की प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत के धर्मराजन के बयान के आधार पर नए सिरे से जांच की मांग वाली पीड़ित की याचिका खारिज करने के बाद पीड़ित ने सत्र न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
वर्ष 1996 का यह मामला हाल में उस समय फिर से चर्चा में आया जब उच्चतम न्यायालय ने इस मामले के 35 आरोपियों को बरी करने के केरल उच्च न्यायालय के फैसले को अवैध करार दिया था। केरल में इदुक्की जिले के सूर्यनेल्ली की लड़की का जनवरी, 1996 में अपहरण किया था और उसे केरल में कई जगह ले जाया गया जहां विभिन्न लोगों ने उसका यौन शोषण किया था।
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