नई दिल्ली:
शराब कंपनियों के नाम से बने सोडे के विज्ञापनों पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि सोडा के विज्ञापन शराब पीने के लिए प्रेरित नहीं करते. अगर कोई कंपनी सोडा बेचना चाहती है तो वह बेच सकती है. अगर कोई शराब नहीं पीता तो नहीं पीएगा. सोडा के विज्ञापन देखने के बाद कोई शराब नहीं पीना शुरू करता. सोडा एल्कोहल ड्रिंक नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को ख़ारिज किया जिसमें यह मांग की गई थी कि सोडा के विज्ञापन प्रसारित करने पर रोक लगाई जाए क्योंकि ये सरोगेट विज्ञापन है जो सीधे सीधे शराब का ही प्रतिनिधित्व करते हैं
सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को ख़ारिज किया जिसमें यह मांग की गई थी कि सोडा के विज्ञापन प्रसारित करने पर रोक लगाई जाए क्योंकि ये सरोगेट विज्ञापन है जो सीधे सीधे शराब का ही प्रतिनिधित्व करते हैं
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