ई पलानीस्वामी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी के विश्वासमत हासिल करने के तौर-तरीकों पर सवाल उठने के बाद सुप्रीम कोर्ट इसकी वैधानिकता पर सुनवाई करेगा. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि विश्वासमत वैध था या नहीं. कोर्ट ने इस मामले में अटॉर्नी जनरल से मदद मांगी है. अब सुप्रीम कोर्ट 11 जुलाई को मामले की सुनवाई करेगा.
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर फरवरी में हुए मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी के विश्वासमत को चुनौती दी थी. सुनवाई के दौरान पनीरसेल्वम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि विश्वासमत के दौरान सही प्रक्रिया नहीं अपनाई गई. विधायकों को बंधक बना लिया गया था और इसके लिए उन पर दबाव बनाया गया.
कोर्ट में कहा गया कि विश्वासमत को दोबारा से कराया जाना चाहिए और इसके लिए सीक्रेट बैलेट से वोटिंग होनी चाहिए. गौरतलब है कि विश्वासमत से पहले 122 विधायकों को कई दिनों तक एक रिसार्ट में रखा गया था.
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर फरवरी में हुए मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी के विश्वासमत को चुनौती दी थी. सुनवाई के दौरान पनीरसेल्वम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि विश्वासमत के दौरान सही प्रक्रिया नहीं अपनाई गई. विधायकों को बंधक बना लिया गया था और इसके लिए उन पर दबाव बनाया गया.
कोर्ट में कहा गया कि विश्वासमत को दोबारा से कराया जाना चाहिए और इसके लिए सीक्रेट बैलेट से वोटिंग होनी चाहिए. गौरतलब है कि विश्वासमत से पहले 122 विधायकों को कई दिनों तक एक रिसार्ट में रखा गया था.
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