सुप्रीम कोर्ट ने वर्चुअल कोर्ट सिस्टम (Virtual Court System) के चलते अपनी कार्यक्षमता पर पड़ रहे असर को लेकर खिन्नता जताई है. कोर्ट ने कहा है कि इसके चलते कोर्ट की उचित तरीके से कार्यवाही चलाने में काफी दिक्कतें आ रही हैं. कोर्ट ने यह भी कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट को उसके वर्चुअल कोर्ट सिस्टम में ऐसी कोई दिक्कत नहीं आ रही है.
बता दें कि शीर्ष अदालत पिछले साल मार्च से कोविड-19 के चलते वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई कर रहा है. जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने 5 जनवरी के अपने एक आदेश में कहा कि 'सुप्रीम कोर्ट में हमारे वर्चुअल कोर्ट सिस्टम में आ रही अक्षमताओं को लेकर हम अपनी परेशानी सामने रखना चाहते हैं, जबकि यहीं काम कर रही दिल्ली हाईकोर्ट के साथ ऐसी कोई समस्या नहीं आ रही है.'
जस्टिस कौल के अलावा जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस हृषिकेश रॉय वाली इस बेंच ने कहा कि 'हम कल से डिसकनेक्शन, आवाज गूंजने जैसी समस्याएं झेल रहे हैं. वर्चुअल सुनवाइयों में दिक्कत आ रही है, चाहे सामने एक ही व्यक्ति कनेक्टेड हो. ज्यादा लाइसेंस लिए जाने की बात के बावजूद यह परेशानियां सामने आ रही हैं, जो समझ नहीं आ रहा है. हमें बस अपनी ही आवाज गूंजती हुई सुनाई नहीं दे रही है.'
यह भी पढ़ें : EVM बैन कर बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग करने वाली याचिका SC में खारिज
बेंच ने कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को इस मामले को देखने के निर्देश दिए हैं. बेंच ने कहा कि 'हमने सेक्रेटरी जनरल को इस मामले को देखने को कहा है क्योंकि वर्चुअल कोर्ट की कार्यवाही करना बहुत मुश्किल हो रही है.'
कोर्ट ने यह टिप्पणियां छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की ओर से पिछले साल दिसंबर में पास किए गए एक आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान की.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं