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जम्मू-कश्मीर विधानसभा में LG द्वारा 5 सदस्यों को नामित करने के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का दखल से इनकार

याचिकाकर्ता जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट जाने के लिए स्वतंत्रत हैं. कई मामलों में जहां हमने पहली बार विचार किया है तो हम देखते हैं कि कई चीजें छूट जाती हैं.

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में LG द्वारा 5 सदस्यों को नामित करने के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का दखल से इनकार
(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एलजी द्वारा 5 सदस्यों को नामित किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले मामले को लेकर हाई कोर्ट जाएं. कांग्रेस नेता रविंदर कुमार शर्मा ने इस याचिका को दाखिल किया था. सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि अदालत इस मामले पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं है. 

याचिकाकर्ता जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट जाने के लिए स्वतंत्रत हैं. कई मामलों में जहां हमने पहली बार विचार किया है तो हम देखते हैं कि कई चीजें छूट जाती हैं. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें रखीं लेकिन अदालत ने इसपर विचार करने से इनकार कर दिया. अदालत ने कहा कि चुनावी फैसले को दबाया जा सकता है. दरअसल, जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल द्वारा यूटी विधानसभा में 5 सदस्यों को नामित करने के प्रस्तावित कदम के खिलाफ ये याचिका दाखिल की गई थी.

सिंघवी ने दलील दी यह बुनियादी ढांचे का मुद्दा है. यदि LG 5 लोगों को नामांकित करते हैं तो वो 47 हो जाते हैं, जबकि हम 48 हैं. आपको केवल एक और व्यक्ति लाना है. इस तरह निर्वाचित जनादेश को रद्द किया जा सकता है. जस्टिस खन्ना ने कहा हम इस बारे में जानते हैं. आप उच्च न्यायालय जाएं.

याचिकाकर्ता के वकील सीनियर एडवोकेट डॉक्टर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, इस तरह के कदम से चुनावी और लोकतांत्रिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा. पीठ ने कहा कि हम अभी इस पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं ⁠लेकिन हम आपको अपनी बात हाईकोर्ट के समक्ष ले जाने की छूट देते हैं. केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में उपराज्यपाल को अधिक अधिकार देते हुए विधान सभा में पांच नामित सदस्य नियुक्त करने का प्रावधान रखा है. शुरू से ही राज्य में गैर एनडीए दल इसके खिलाफ हैं. सुप्रीम कोर्ट के सुनवाई से इनकार के बाद अब याचिकाकर्ता हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं.

क्या है पूरा मामला

बता दें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 90 सीटें हैं. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में विस्थापित कश्मीरी लोगों और पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए उपराज्यपाल द्वारा 5 और विधायकों को मनोनीत करने की परिकल्पना की गई है. इससे विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 45 से बढ़कर 48 हो गया है. हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के गठबंधन ने विधानसभा में 49 सीटें हासिल कीं, जो 5 सदस्यों के नामांकन के मामले में भी 48 के बहुमत के आंकड़े से ऊपर है.

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