
- भारत का सहकारी क्षेत्र इस वर्ष के अंत तक भारत ब्रांड के तहत टैक्सी सेवा शुरू करने जा रहा है.
- यह सेवा 300 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी से वित्त पोषित है और इससे 200 ड्राइवरों को पहले ही जोड़ा जा चुका है.
- सहकारी टैक्सी सेवा का उद्देश्य ड्राइवरों को बेहतर रिटर्न और यात्रियों को किफायती सेवा प्रदान करना है.
भारत का सहकारी क्षेत्र इस साल के अंत तक भारत ब्रांड के तहत टैक्सी सेवा शुरू करके ओला और उबर जैसी दिग्गज कम्पनियों को चुनौती देने के लिए तैयार है. इस सेवा को 300 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी प्राप्त है और चार राज्यों में 200 ड्राइवरों (चालकों) को पहले ही इससे जोड़ा जा चुका है. छह जून को पंजीकृत बहु-राज्य सहकारी टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी), भारतीय कृषक उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) और गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (जीसीएमएमएफ) सहित आठ प्रमुख सहकारी समितियों के एक संघ का प्रतिनिधित्व करता है.
पिछले महीने, सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इस क्षेत्र के लिए एक व्यापक सहकारी नीति का अनावरण करते हुए संकेत दिया था कि 2025 के अंत तक एक सहकारी टैक्सी सेवा शुरू की जाएगी.
ड्राइवरों को बेहतर रिटर्न, यात्रियों को किफायती सेवाएं
एनसीडीसी के उप प्रबंध निदेशक रोहित गुप्ता ने बताया, “मुख्य उद्देश्य ड्राइवरों को बेहतर रिटर्न सुनिश्चित करना और यात्रियों को गुणवत्तापूर्ण, सुरक्षित और किफायती सेवाएं प्रदान करना है.”
यह उद्यम बिना किसी सरकारी हिस्सेदारी के संचालित होता है और पूरी तरह से सहभागी सहकारी समितियों द्वारा वित्त पोषित है. इसके संस्थापक सदस्यों में कृषक भारती सहकारी लिमिटेड (कृभको), राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी), और राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) भी शामिल हैं.
उन्होंने बताया कि लगभग 200 चालक पहले ही सहकारी समिति में शामिल हो चुके हैं, जिनमें से 50-50 दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से हैं. सहकारी समिति अपने नेटवर्क का विस्तार करने के लिए अन्य सहकारी संगठनों से सक्रिय रूप से संपर्क कर रही है.
ऐप के दिसंबर तक तैयार होने की उम्मीद
सहकारी संस्था ने ‘राइड-हेलिं' ऐप विकसित करने के लिए एक प्रौद्योगिकी साझेदार चुनने हेतु एक निविदा जारी की है. गुप्ता ने कहा, “हम कुछ ही दिनों में प्रौद्योगिकी साझेदार को अंतिम रूप दे देंगे.” उन्होंने कहा कि ऐप दिसंबर तक तैयार होने की उम्मीद है.
इस अखिल भारतीय मंच के लिए विपणन रणनीति तैयार करने हेतु एक प्रौद्योगिकी सलाहकार और भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम)-बेंगलुरु को शामिल किया गया है.
यह सेवा सहकारी मूल्य निर्धारण मॉडल अपनाएगी, और इसके संचालन को बढ़ाने के लिए सदस्यता अभियान वर्तमान में चल रहे हैं.
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब सहकारी क्षेत्र तेज़ी से बढ़ते ‘राइड-हेलिंग' बाजार में स्थापित निजी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए अपनी सामूहिक शक्ति का लाभ उठाना चाहता है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं