सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कोरोनावायरस के चलते लागू महामारी एक्ट (Epidemic Act) निरस्त करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. इस याचिका में महामारी अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई थी. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से यह सवाल पूछा कि वो पहले हाईकोर्ट क्यों नहीं गए?
कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि 'आप महाराष्ट्र में क्वारंटीन हुए, जिसमें आपको परेशानी हुई तो एक्ट के खिलाफ आप सीधे सुप्रीम कोर्ट कैसे आएंगे?' शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को पहले बॉम्बे हाईकोर्ट जाने को कहा है.
न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता एच.एन. मिराशी से कहा, ‘मिस्टर मिराशी आपने यह किस तरह की याचिका दायर की है. महामारी अधिनियम को क्या आप बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती नहीं दे सकते थे? हाईकोर्ट को केंद्रीय अधिनियम को रद्द करने का अधिकार है. आप इस याचिका को यहां से वापस लें और उच्च न्यायालय में दायर करें.'
न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी भी इस पीठ का हिस्सा थीं. बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता की यह धारणा पूरी तरह से गलत है कि हाईकोर्ट को केंद्र के अधिनियम को रद्द करने का अधिकार नहीं है. उच्च न्यायलय को ऐसा करने का पूरा अधिकार है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'सेंट्रल एक्ट के मामले में हाईकोर्ट भी आदेश जारी करने में सक्षम है तो आप याचिका वापस लेना चाहते हैं या खारिज कर दें?' इसके बाद याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका वापस ले ली.
(भाषा से इनपुट के साथ)
Video: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- NDPS ऐक्ट में पुलिस को दिया बयान सबूत नहीं
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं