नंदिनी सुंदर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
छतीसगढ़ में आदिवासी की हत्या का मामले पर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में भरोसा दिलाया कि प्रोफेसर नंदिनी सुंदर, अर्चना प्रसाद और दो अन्य को 15 नवंबर तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.
प्रोफेसर नंदिनी सुंदर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से सीलबंद लिफाफे में दस्तावेज और रिकॉर्ड सौंपने को कहा. इस मामले पर अगली सुनवाई 15 नवंबर को होगी.
दरअसल, नंदिनी ने FIR पर रोक लगाने की याचिका दाखिल की है. कोर्ट ने कहा कि हालात को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है, आप नक्सली मामले में प्रैक्टिकल कदम उठाइए.
कोर्ट ने कहा कि वह FIR को अगली तारीख तक स्टे कर देंगे, लेकिन ASG तुषार मेहता ने कहा कि वे कोर्ट को भरोसा दिलाते हैं कि अगली तारीख तक इन पर कोई कारवाई नहीं करेंगे. कोर्ट इस मामले में सरकार को अहम दस्तावेज और रिकॉर्ड दाखिल करने का वक्त दे.
प्रोफेसर नंदिनी सुंदर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से सीलबंद लिफाफे में दस्तावेज और रिकॉर्ड सौंपने को कहा. इस मामले पर अगली सुनवाई 15 नवंबर को होगी.
दरअसल, नंदिनी ने FIR पर रोक लगाने की याचिका दाखिल की है. कोर्ट ने कहा कि हालात को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है, आप नक्सली मामले में प्रैक्टिकल कदम उठाइए.
कोर्ट ने कहा कि वह FIR को अगली तारीख तक स्टे कर देंगे, लेकिन ASG तुषार मेहता ने कहा कि वे कोर्ट को भरोसा दिलाते हैं कि अगली तारीख तक इन पर कोई कारवाई नहीं करेंगे. कोर्ट इस मामले में सरकार को अहम दस्तावेज और रिकॉर्ड दाखिल करने का वक्त दे.
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