212 कोल ब्लॉक्स के आवंटन रद्द करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को अहम फ़ैसला सुना सकता है। आज सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया है कि वह सभी 218 कोल ब्लॉक आवंटन रद्द करने को तैयार है। साथ ही कोर्ट से सरकार ने इस संबंध में जल्द फैसला करने की अपील भी की। सरकार का कोर्ट से आग्रह है 46 ब्लॉक रद्द न किए जाए क्योंकि इन ब्लॉकों में काम चल रहा है। सरकार ने कोर्ट से कहा कि 80 कोल ब्लॉक पहले ही रद्द किए जा चुके हैं।
इससे पहले 25 अगस्त को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 1993 से 2008 के बीच हुए सभी आवंटन को अवैध बताया था।
कोर्ट ने कहा था कि स्क्रीनिंग कमेटी और तत्कालीन सरकारों ने कोल ब्लॉक्स के आवंटन में न तो किसी गाइडलाइन का पालन किया गया और न ही किसी तरह की पारदर्शिता बरती गई।
हालांकि, कोर्ट ने कहा था कि इन आवंटनों को रद्द करने से पहले और सुनवाई की ज़रूरत है। कोर्ट ने यह आदेश दिया था कि अगले फ़ैसले तक इन कोयला खदानों से निकला कोयला व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए नहीं भेजा जाएगा।
गौरतलब है कि 2012 में सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कोल ब्लॉक्स के आवंटन में एक लाख 86 हज़ार करोड़ रुपये के घोटाले की बात कही थी। इसे लेकर मनमोहन सरकार की काफ़ी किरकिरी भी हुई। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से अब पूर्ववर्ती वाजपेयी सरकार पर भी सवाल उठ रहे हैं।
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