सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय करोल ने पटना उच्च न्यायालय और निचली अदालतों के सभी जजों को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने में उनके समर्थन की सराहना की है कि बिहार की न्यायिक संस्थाएं कोविड-19 महामारी के दौरान सुचारू रूप से चल सकें. जस्टिस करोल नवंबर 2019 में पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने. इससे कुछ महीने पहले ही कोविड महामारी का पूरा प्रभाव भारत में पहुंचा और लॉकडाउन शुरू हुआ.
बिहार के मेरे न्यायिक परिवार में आलंकारिक वापसी है: जस्टिस करोल
राज्य की न्यायिक सेवाओं के सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि पिछले महीने छठ पूजा के दौरान लिखे गए पत्र में जस्टिस करोल ने कहा कि वह भी “बिहार की मिट्टी के बेटे हैं, क्योंकि वास्तव में, जो कोई भी इस महान राज्य में आता है, हमेशा के लिए वह इसी का हो जाता है और इसलिए , यह बिहार के मेरे न्यायिक परिवार में आलंकारिक वापसी है.”
इसके आगे उन्होंने कहा, “उत्सव के इस समय में, समुदाय राज्य की सही संस्कृति और समय-सम्मानित परंपराओं का जश्न मनाने के लिए एकजुट होता है. इस दौरान दिखाई गई एकता वास्तव में हमारे संविधान के मूल्यों का प्रतिबिंब है जिसके तहत हम सभी एक लोग हैं. "
न्यायिक अधिकारियों को दी ये सलाह
उन्होंने कहा, "एक साथ मिलकर, हमने यह सुनिश्चित किया कि न्याय के दरवाजे हमेशा खुले रहें, यहां तक कि दुनिया पर आई सबसे बड़ी विपत्ति के बावजूद भी - और इसके लिए, मुझे हमारे प्रयासों पर हमेशा गर्व रहेगा." उन्होंने न्यायिक अधिकारियों से संविधान में विश्वास बनाए रखने, न्याय के प्रति प्रतिबद्ध रहने, लोगों की सेवा करने और उसमें निहित आदर्शों को बनाए रखने के लिए कहा है.
जस्टिस करोल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट में हुए नियुक्त
जस्टिस करोल को इस साल फरवरी में जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस पीवी संजय कुमार,जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस मनोज मिश्रा के साथ सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया था. सुप्रीम कोर्ट में जजशिप के लिए सभी पांच नामों की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पिछले साल 13 दिसंबर को की थी. केंद्र ने इस साल 4 फरवरी को नियुक्तियों को मंजूरी दे दी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं