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सुप्रीम कोर्ट में आज तिरुपति लड्डू विवाद और कोलकाता डॉक्‍टर रेप-मर्डर सहित कई अहम मामलों की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज तिरुपति लड्डू विवाद (Tirupati Laddu controversy), कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्‍टर से रेप-हत्‍या और मलयाली फिल्म अभिनेता सिद्दीकी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई होगी.

सुप्रीम कोर्ट में आज तिरुपति लड्डू विवाद और कोलकाता डॉक्‍टर रेप-मर्डर सहित कई अहम मामलों की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में आज कई अहम मामलों की सुनवाई होनी है. (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली :

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज कई अहम मामलों की सुनवाई होनी है. इसमें तिरुपति लड्डू विवाद (Tirupati Laddu controversy) से जुड़े मामले के साथ ही कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्‍टर से रेप और हत्‍या के मामले (Doctor Rape-Murder Case) में भी शीर्ष अदालत सुनवाई करेगी. मलयाली फिल्म अभिनेता सिद्दीकी की अग्रिम जमानत याचिका और असम के सोनापुर इलाके के 48 निवासियों द्वारा दाखिल अवमानना याचिका पर भी सुनवाई होगी. साथ ही दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी की आपराधिक मानहानि मामले को लेकर दाखिल याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. 

तिरुपति लड्डू विवाद मामला 

तिरुपति देवस्थानम मंदिर के लड्डूओं में कथित पशुओं की चर्बी मिलाए जाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा. इस मामले पर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वाईवी सुब्बा रेड्डी ने याचिका दाखिल की है. सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका मे आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के आरोपों की जांच की मांग की गई है. वहीं वाईवी सुब्बा रेड्डी ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज के अधीन स्वतंत्र जांच समिति (SIT) बनाकर इन आरोपों की जांच कराए जाने की मांग की है. 

कोलकाता डॉक्‍टर रेप-मर्डर मामला 

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में आज कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से बलात्कार और हत्या के मामले में भी सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई से अब तक की जांच को लेकर स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी और पश्चिम बंगाल सरकार से हॉस्पिटल में हजारों लोगों के घुसकर तोड़फोड़ करने की जांच को लेकर स्टेटस रिपोर्ट देने के लिए कहा था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के हॉस्पिटल और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए 14 सदस्यीय एनटीएफ का गठन कर दो महीने में रिपोर्ट मांगी है.

पिछली सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने आरजी कर हॉस्पिटल के जूनियर डॉक्टरों से 10 सितंबर शाम 5 बजे तक काम पर वापस लौटने का आग्रह किया था. इस मामले पर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच सुनवाई करेगी. 

अभिनेता सिद्दीकी की अग्रिम जमानत की मांग 

इसके साथ ही मलयाली फिल्म अभिनेता सिद्दीकी की अग्रिम जमानत याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा.  सिद्दीकी के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न के मामले में केरल हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था. सिद्दीकी ने एक फिल्म अभिनेत्री द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न मामले में अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. अभिनेत्री ने जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद यौन उत्पीड़न और शोषण का आरोप लगाया था. इस साल अगस्त में एक अभिनेत्री ने यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर सिद्दीकी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. अभिनेत्री ने अभिनेता सिद्दीकी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप लगाए हैं. 

केजरीवाल और आतिशी की याचिका पर भी सुनवाई 

उधर, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी ने आपराधिक मानहानि के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिस पर भी आज ही सुनवाई होनी है. दरअसल, अग्रवाल समाज का नाम वोटिंग लिस्ट से काटने वाले बयान से जुड़े मानहानि के मामले में केजरीवाल और आतिशी ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. केजरीवाल और आतिशी को निचली अदालत ने समन जारी कर पेश होने का आदेश दिया था, जिसके खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में केजरीवाल और आतिशी की ओर से याचिका दायर की गई थी. साथ ही मुकदमे को रद्द करने की मांग की गई थी. हालां‍कि दिल्‍ली हाई कोर्ट ने मुकदमे को रद्द करने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने केजरीवाल, आतिशी और अन्य को ट्रायल कोर्ट के सामने पेश होने का आदेश दिया था. 

असम के 48 निवासियों की याचिका पर सुनवाई 

साथ ही असम के सोनापुर इलाके के 48 निवासियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अवमानना याचिका पर आज सुनवाई होगी. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के 17 सितंबर के आदेश की अवहेलना कर उनके घरों को बुलडोजर से ढहाया जा रहा है, जबकि उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया है. याचिका में बुलडोजर कार्रवाई में शामिल अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की मांग भी की गई है. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेगी. 

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