विज्ञापन

बिखरे सूटकेस, टेबल पर रखा खाना,  क्रैश के बाद अहमदाबाद के बीजे हॉस्‍टल मेस का नजारा दिल दहलाने वाला  

मलबे के बीच सैकड़ों ट्रैवल बैग रखे हुए थे जो क्रैश के जमीन की ओर गिरने के बाद गिरे थे. मेस के अंदर, छत का एक हिस्सा एक टेबल पर गिर गया था. विमान के यात्रियों के कुछ सूटकेस, कपड़े और निजी सामान इधर-उधर पड़े थे.

अहमदाबाद:

गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया फ्लाइट AI171 के क्रैश के बाद का मंजर डराने वाला है. यह प्‍लेन बायरमजी जीजीभॉय मेडिकल कॉलेज (बीजेएमसी) के कैंपस में जाकर गिरा. बीजेएमसी और सिविल अस्पताल के परिसर में जेसीबी ने जले हुए, क्षत-विक्षत अवशेषों को हटाया. ये शव कई मीटर की दूरी पर फैले हुए थे और घंटों की आग बुझाने के बाद दोनों ही परिसरों में कीचड़ भरा हुआ है. दोनों ही अस्‍पतालों का नजारा दिल दहलाने वाला है. बीजेएमसी कॉलेज के मेस में यह प्‍लेन जाकर घुस गया था. माना जा रहा है कि उस समय लंच टाइम था और कई डॉक्‍टर खाना खाने के लिए मेस आए हुए थे. 

625 फीट की ऊंचाई से गिरा प्लेन 

रहस्यमय तरीके से आग और मलबे की बारिश से बचे एक पेड़ के पास सूटकेस बिखरे पड़े थे. जबकि पहली मंजिल पर गंदगी में खाने की प्लेटें एकदम वैसी ही रखी हुई हैं. एयर इंडिया का अहमदाबाद-लंदन विमान अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ सेकंड के भीतर 625 फीट की ऊंचाई से नीचे गिर गया. यह क्रैश होने और आग लगने से पहले अस्पताल परिसर में छह इमारतों में से एक को छू गया. एयर इंडिया ने एक बयान में कहा कि विमान में सवार 242 लोगों में से केवल एक ही बच पाया. 

पेड़ों पर नहीं बचा एक भी पत्‍ता 

इस क्रैश के बाद का दृश्‍य दिल दहलाने वाला था. विमान का एक हिस्सा हॉस्टल मेस से टकराया जिससे पांच मेडिकल छात्र मारे गए. इनमें से चार ग्रेजुएट और एक पीजी स्‍टूडेंट शामिल हैं जबकि कई और घायल हैं. हॉस्टल बिल्डिंग में, जो एयरपोर्ट की दीवार से कुछ मीटर की दूरी पर है, जलने की तेज गंध बनी हुई थी. जबकि आस-पास के बाकी हिस्सों की तुलना में तापमान ज्‍यादा महसूस किया गया. जमीन पर कंक्रीट, ईंटें, जूते, निजी सामान और एक बड़े पेड़ से गिरे आम पड़े हुए थे. क्रैश साइट के करीब बाकी पेड़ जल गए थे और उन पर कोई भी पत्ता नहीं था. 

टेबल पर रखीं 60 प्‍लेटें 

मलबे के बीच सैकड़ों ट्रैवल बैग रखे हुए थे जो क्रैश के जमीन की ओर गिरने के बाद गिरे थे. मेस के अंदर, छत का एक हिस्सा एक टेबल पर गिर गया था. विमान के यात्रियों के कुछ सूटकेस, कपड़े और निजी सामान इधर-उधर पड़े थे. वहीं एक हिस्से में हॉस्टल में रहने वाले 50-60 लोगों के लिए प्लेटें रखी हुई थीं. कई टेबलों पर, आधे खाए हुए और बिना खाए हुए खाने की प्लेटें प्‍लेन के दीवार से टकराने के कारण अचानक अलार्म बजने की ओर इशारा कर रही थीं. इसकी वजह से अंदर मौजूद सभी लोग सुरक्षित जगह की ओर भाग रहे थे. एक कोने में धूल से भरे गद्दे रखे हुए थे. 

108 एम्बुलेंस कर्मियों ने NDTV को बताया कि जिन लोगों को उन्होंने बचाया, उनमें दो डॉक्टर भी थे, जिनके चेहरे जल गए थे. BJMC के अंदर तीन इमारतों को इस प्रभाव का सबसे ज्‍यादा नुकसान हुआ जिसमें मेस हॉल भी शामिल है. अस्पताल के कर्मचारियों के रहने वाले आस-पास की दो पांच मंजिला इमारतों को भी आग लगने के कारण काफी नुकसान हुआ. इमारतें पूरी तरह से काली हो गई थीं. 

हादसे में बची एक की जान 

गुजरात पुलिस, दमकल विभाग और कई इमरजेंसी एजेंसियों के कर्मियों वाली बचाव टीमें देर रात तक काम पर लगी रहीं. जीवित बचे लोगों तक पहुंचने और शवों को निकालने के लिए ढही दीवारों और कंक्रीट के मलबे को तोड़ने के लिए अर्थ मूवर्स को तैनात किया गया. पुलिस ने बताया कि शहर के सिविल अस्पताल में 265 शव लाए गए हैं. शाम को अहमदाबाद पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के अंदर का तापमान इतना अधिक था कि किसी को बचाने का कोई मौका नहीं था. हालांकि एक यात्री चमत्कारिक रूप से बच गया.  एयर इंडिया के अनुसार, 230 यात्रियों में से 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, सात पुर्तगाली और एक कनैडियन नागरिक था. विमान में सवार बाकी 12 लोग दो पायलट और 10 चालक दल के सदस्य थे. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com