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This Article is From Oct 24, 2020

NEET परीक्षा में फेल घोषित छात्रा ने दी जान, मिले थे 590 नंबर पर कंप्यूटर ने 6 अंक दिखाए  

MP पुलिस के मुताबिक छात्रा की आत्महत्या के इस मामले में मार्कशीट में गलत अंक चढ़ने या कंप्यूटर द्वारा ओएमआर शीट की रीडिंग में गड़बड़ी प्रतीत होती है.

NEET परीक्षा में फेल घोषित छात्रा ने दी जान, मिले थे 590 नंबर पर कंप्यूटर ने 6 अंक दिखाए  
NEET Exam : छात्रा को परीक्षा में इतने कम नंबर मिलने से गहरा सदमा लगा
छिंदवाड़ा:

नीट परीक्षा (NEET) में बेहद कम अंक आने से दुखी मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की एक छात्रा द्वारा आत्महत्या कर लेने का मामला सामने आया है. छात्रा को नीट परीक्षा परिणाम में महज 6 नंबर मिले थे, जिस पर छात्रा औऱ उसके परिजनों को कतई यकीन नहीं था. बेटी को खोने के बाद परिजनों ने जब उसकी ओएमआर (OMR sheet) शीट निकलवाई तो उसके नंबर 590 निकले. इससे उनका दुख और बढ़ गया.

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घटना छिंदवाड़ा जिले के परासिया थाना क्षेत्र की है, जहां 20 अक्टूबर को छात्रा विधि सूर्यवंशी ने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. विधि के मामा सचिन राय के मुताबिक, उनकी भांजी इतने कम नंबर आने को लेकर व्यथित थी. परिजनों ने उसे बहुत समझाया कि कोई चिंता की बात नहीं है और उसे दोबारा मेहनत करनी चाहिए, लेकिन उसका दुख कम नहीं हुआ. 
नीट परीक्षा (National Eligibility cum Entrance Test) का परिणाम 19 अक्टूबर को आया था.ओडिशा के शोएब आफताब (Soyeb Aftab) ने नीट की परीक्षा में 720 में से 720 अंक हासिल कर पहली पायदान हासिल की थी.

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थाना क्षेत्र के इंस्पेक्टर सुमेर सिंह ने कहा कि छात्रा की आत्महत्या के इस मामले में मार्कशीट में गलत अंक चढ़ने या कंप्यूटर द्वारा ओएमआर शीट की रीडिंग में गड़बड़ी प्रतीत होती है. विधि ने नीट परीक्षा की अपनी मार्कशीट में जब केवल 6 अंक देखे तो उसे गहरा सदमा लगा. इसमें उसकी रैंकिंग 13 से 14 लाख के बीच थी. परिजनों के लाख समझाने-बुझाने और जांच कराने के भरोसे के बावजूद वह संतुष्ट नहीं हुई. 20 अक्टूबर की सुबह उसने कमरे में पंखे से लटककर जान दे दी.

परिजनों ने बाद में जब ओएमआर शीट हासिल की तो पाया कि दुनिया छोड़ चुकी उनकी बेटी को 590 अंक हासिल हुए थे. पिता गुलेंद्र सूर्यवंशी और अन्य परिजन भी बाद में नतीजों को लेकर अवाक रह गए. पुलिस का कहना है कि प्रथमदृष्टया यह कंप्यूटर की गड़बड़ी का मामला लग रहा है, लेकिन विस्तृत जांच के बाद ही सही वजह सामने आ पाएगी.


 

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