
- विदेश मंत्रालय ने एच-1बी वीजा शुल्क में वृद्धि से परिवारों को मुश्किलों का सामना करने की संभावना जताई है.
- सरकार ने एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर प्रस्तावित प्रतिबंधों के असर का विश्लेषण सभी पक्षों के साथ शुरू कर दिया है.
- विदेश मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि अमेरिकी इस मुद्दे के मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखते हुए समाधान करेगा.
भारत के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि अमेरिकी एच-1बी वीजा शुल्क में प्रस्तावित वृद्धि से परिवारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि सरकार इस कदम के असर का आकलन कर रही है और उम्मीद है कि अमेरिकी अधिकारी इस मामले को सुलझाएंगे.
जायसवाल ने कहा, "सरकार ने अमेरिकी एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर प्रस्तावित प्रतिबंधों से संबंधित रिपोर्ट देखी हैं. इसका पूरा असर क्या होगा, इसका अध्ययन सभी पक्षों द्वारा किया जा रहा है. इसमें भारतीय उद्योग भी शामिल है, जिन्होंने पहले ही एक प्रारंभिक विश्लेषण पेश कर दिया है."
प्रवक्ता ने यह भी जोड़ा कि इस वृद्धि के मानवीय परिणाम हो सकते हैं, क्योंकि इससे परिवारों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि अमेरिकी अधिकारी इन समस्याओं का उचित समाधान निकालेंगे.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा आवेदकों पर 100,000 डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) का शुल्क लगाने वाले एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. ट्रंप का कहना है कि यह शुल्क यह सुनिश्चित करेगा कि देश में आने वाले लोग "वास्तव में अत्यधिक कुशल" हों और अमेरिकी कर्मचारियों की जगह न लें. उन्होंने कहा, "हमें कामगारों की जरूरत है. हमें बेहतरीन कामगारों की जरूरत है, और इससे यह सुनिश्चित होगा कि हमें ऐसे ही लोग मिलें."
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