श्री श्री रविशंकर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
अहमदनगर के शनि मंदिर में महिलाओं के तेल चढ़ाने के समर्थन में श्री श्री रविशंकर उतरे हैं। उन्होंने कहा, वक्त के साथ परंपरा बदलनी चाहिए। महिला ब्रिगेड ने मुख्यमंत्री फडणवीस के समर्थन का भी दावा किया है। इसके साथ ही मंदिर प्रशासन भी रणरागिनी ब्रिगेड से बातचीत को तैयार है।
श्री श्री रविशंकर का बयान
धर्मगुरु श्री श्री रविशंकर ने कहा कि वक्त के साथ परंपराएं बदलनी चाहिए। एनडीटीवी के कार्यक्रम लेफ्ट राइट सेंटर में उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि महिलाएं इसके लिए सामने आ रही हैं। महिला पुजारी होनी चाहिए। ईसाई, हिन्दू, मुस्लिम सभी धर्मों में होनी चाहिए। यही नहीं हिन्दुओं में महिला पुजारी हैं। अगर आज आप इंडोनेशिया जाएंगे, जहां हिन्दुवाद की पुरानी परंपरा है, वहां हिन्दू महिला पुजारी हैं। उनके पास सामान अधिकार हैं।
महिला और पुरुष में कोई अंतर नहीं और अगर ये कहीं है तो इसे देखना चाहिए। यह वक्त है ऐसे सुधार का। हर परंपरा में सुधार और बदलाव होते हैं, जब भी जरूरी हो। अगर वह वैज्ञानिक न हो तो ऐसी चीजों को जारी रखने का कोई मतलब नहीं है।
मुख्यमंत्री फडणवीस से मिली महिलाएं
वहीं शनि को समर्पित मंदिर में महिलाओं के प्रवेश से जुड़े मुद्दे के आपसी सहमति से हल निकालने के लिए प्रयास तेज हो गए हैं। शनि मंदिर में तेल चढ़ाने से रोके जाने से नाराज़ महिला ब्रिगेड की नेता तृप्ति देसाई बुधवार दोपहर राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलीं और अपनी बातें मुख्यमंत्री के सामने रखी।
महाराष्ट्र बीजेपी का बयान
इस बीच महाराष्ट्र बीजेपी ने कहा है कि इस मामले को बातचीत से हल किया जाना चाहिए और अगर इसमें कामयाबी नहीं मिलती है तभी सरकार दखल देगी। इससे पहले बुधवार को इस ब्रिगेड की लगभग 400 महिलाओं को शनि मंदिर में घुसने से रोक लिया गया। इन महिला कार्यकर्ताओं की योजना मंदिर के सबसे भीतरी हिस्से में जबरदस्ती प्रवेश करने की थी।
श्री श्री रविशंकर का बयान
धर्मगुरु श्री श्री रविशंकर ने कहा कि वक्त के साथ परंपराएं बदलनी चाहिए। एनडीटीवी के कार्यक्रम लेफ्ट राइट सेंटर में उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि महिलाएं इसके लिए सामने आ रही हैं। महिला पुजारी होनी चाहिए। ईसाई, हिन्दू, मुस्लिम सभी धर्मों में होनी चाहिए। यही नहीं हिन्दुओं में महिला पुजारी हैं। अगर आज आप इंडोनेशिया जाएंगे, जहां हिन्दुवाद की पुरानी परंपरा है, वहां हिन्दू महिला पुजारी हैं। उनके पास सामान अधिकार हैं।
महिला और पुरुष में कोई अंतर नहीं और अगर ये कहीं है तो इसे देखना चाहिए। यह वक्त है ऐसे सुधार का। हर परंपरा में सुधार और बदलाव होते हैं, जब भी जरूरी हो। अगर वह वैज्ञानिक न हो तो ऐसी चीजों को जारी रखने का कोई मतलब नहीं है।
मुख्यमंत्री फडणवीस से मिली महिलाएं
वहीं शनि को समर्पित मंदिर में महिलाओं के प्रवेश से जुड़े मुद्दे के आपसी सहमति से हल निकालने के लिए प्रयास तेज हो गए हैं। शनि मंदिर में तेल चढ़ाने से रोके जाने से नाराज़ महिला ब्रिगेड की नेता तृप्ति देसाई बुधवार दोपहर राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलीं और अपनी बातें मुख्यमंत्री के सामने रखी।
महाराष्ट्र बीजेपी का बयान
इस बीच महाराष्ट्र बीजेपी ने कहा है कि इस मामले को बातचीत से हल किया जाना चाहिए और अगर इसमें कामयाबी नहीं मिलती है तभी सरकार दखल देगी। इससे पहले बुधवार को इस ब्रिगेड की लगभग 400 महिलाओं को शनि मंदिर में घुसने से रोक लिया गया। इन महिला कार्यकर्ताओं की योजना मंदिर के सबसे भीतरी हिस्से में जबरदस्ती प्रवेश करने की थी।
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