नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत के परिसर में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के शिक्षकों तथा पत्रकारों पर हमला किए जाने के मामले में पुलिस ने भले ही 'अज्ञात लोगों' के खिलाफ शिकायत दर्ज की है, लेकिन प्रमुख हमलावरों में से एक का चेहरा दिल्ली की अदालतों के लिए काफी जाना-पहचाना है, और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कई नेताओं के साथ उसकी तस्वीरें खिंची हैं।
जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष तथा देशद्रोह के आरोपी कन्हैया कुमार को कोर्ट में पेश किए जाने का इंतज़ार कर रहे शिक्षकों, विद्यार्थियों तथा पत्रकारों पर हमले के लिए ज़िम्मेदार माने जा रहे लोगों में सबसे प्रमुख नाम विक्रम सिंह चौहान का है। NDTV से बात करते हुए विक्रम सिंह ने कहा कि उन्होंने ही 'राष्ट्र-विरोधियों' के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन आयोजित किया था, लेकिन जेएनयू के शिक्षकों द्वारा वकीलों को भड़काए जाने की वजह से हालात काबू से बाहर चले गए।
NDTV से बात करते हुए विक्रम सिंह चौहान ने कहा, "हमने उन लोगों से बुज़ुर्ग वकीलों के लिए कुर्सियां खाली करने को कहा था... उन्होंने मुझसे मेरा आई-कार्ड मांगा... फिर मैंने कहा कि आप लोग कश्मीर और केरल को अलग कर देना चाहते हो, तो वे बोले कि ये कभी भारत का हिस्सा थे ही नहीं... उन्होंने नारे लगाने शुरू कर दिए..." चौहान ने ज़ोर देकर कहा, "लड़ाई विद्यार्थियों ने शुरू की थी..."
विक्रम सिंह ने दावा किया कि "दो लेक्चररों ने कहा कि वे हम लोगों को पीटना शुरू कर देंगे, क्योंकि उनकी तादाद ज़्यादा है..."
उधर, कैमरे पर विक्रम सिंह चौहान ही लोगों को पीटते और "राष्ट्र-विरोधियों पाकिस्तान जाओ" तथा "भारत माता की जय" के नारे लगाते दिखाई दे रहे हैं। हिंसा की इस घटना का वीडियो बनाने वाली NDTV की सोनल मेहरोत्रा से उसका फोन मांगने के दौरान उसे धमकाया भी विक्रम सिंह ने ही था।
एक तस्वीर में काली जैकेट पहने विक्रम सिंह एक ऐसे शख्स को पकड़कर पीटते दिखाई दे रहे हैं, जो वाम कार्यकर्ता माना जा रहा है।
इसी तरह का विरोधाभास कुछ और तस्वीरें पेश करती हैं, जो विक्रम सिंह के फेसबुक पेज पर देखी जा सकती हैं। इन तस्वीरों में विक्रम सिंह बीजेपी के शीर्ष नेताओं, जिनमें गृहमंत्री राजनाथ सिंह और पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी भी शामिल हैं, के साथ दिखाई दे रहे हैं।
हालांकि विक्रम सिंह ने किसी भी राजनैतिक दल से उनके रिश्तों की बात को नकारा है, लेकिन वह नियमित रूप से बीजेपी के आयोजनों को लेकर व्हॉट्सऐप (WhatsApp) पर निमंत्रण भेजते रहते हैं, और इन संदेशों में लोगों से आग्रह करते हैं कि नेता के पहुंचने से पहले पहुंचें।
विक्रम सिंह के मुताबिक, सोमवार को अदालत में हुए विरोध-प्रदर्शन के लिए भी उन्होंने व्हॉट्सऐप पर संदेश भेजा था।
जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष तथा देशद्रोह के आरोपी कन्हैया कुमार को कोर्ट में पेश किए जाने का इंतज़ार कर रहे शिक्षकों, विद्यार्थियों तथा पत्रकारों पर हमले के लिए ज़िम्मेदार माने जा रहे लोगों में सबसे प्रमुख नाम विक्रम सिंह चौहान का है। NDTV से बात करते हुए विक्रम सिंह ने कहा कि उन्होंने ही 'राष्ट्र-विरोधियों' के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन आयोजित किया था, लेकिन जेएनयू के शिक्षकों द्वारा वकीलों को भड़काए जाने की वजह से हालात काबू से बाहर चले गए।
NDTV से बात करते हुए विक्रम सिंह चौहान ने कहा, "हमने उन लोगों से बुज़ुर्ग वकीलों के लिए कुर्सियां खाली करने को कहा था... उन्होंने मुझसे मेरा आई-कार्ड मांगा... फिर मैंने कहा कि आप लोग कश्मीर और केरल को अलग कर देना चाहते हो, तो वे बोले कि ये कभी भारत का हिस्सा थे ही नहीं... उन्होंने नारे लगाने शुरू कर दिए..." चौहान ने ज़ोर देकर कहा, "लड़ाई विद्यार्थियों ने शुरू की थी..."
विक्रम सिंह ने दावा किया कि "दो लेक्चररों ने कहा कि वे हम लोगों को पीटना शुरू कर देंगे, क्योंकि उनकी तादाद ज़्यादा है..."
उधर, कैमरे पर विक्रम सिंह चौहान ही लोगों को पीटते और "राष्ट्र-विरोधियों पाकिस्तान जाओ" तथा "भारत माता की जय" के नारे लगाते दिखाई दे रहे हैं। हिंसा की इस घटना का वीडियो बनाने वाली NDTV की सोनल मेहरोत्रा से उसका फोन मांगने के दौरान उसे धमकाया भी विक्रम सिंह ने ही था।
एक तस्वीर में काली जैकेट पहने विक्रम सिंह एक ऐसे शख्स को पकड़कर पीटते दिखाई दे रहे हैं, जो वाम कार्यकर्ता माना जा रहा है।
इसी तरह का विरोधाभास कुछ और तस्वीरें पेश करती हैं, जो विक्रम सिंह के फेसबुक पेज पर देखी जा सकती हैं। इन तस्वीरों में विक्रम सिंह बीजेपी के शीर्ष नेताओं, जिनमें गृहमंत्री राजनाथ सिंह और पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी भी शामिल हैं, के साथ दिखाई दे रहे हैं।
हालांकि विक्रम सिंह ने किसी भी राजनैतिक दल से उनके रिश्तों की बात को नकारा है, लेकिन वह नियमित रूप से बीजेपी के आयोजनों को लेकर व्हॉट्सऐप (WhatsApp) पर निमंत्रण भेजते रहते हैं, और इन संदेशों में लोगों से आग्रह करते हैं कि नेता के पहुंचने से पहले पहुंचें।
विक्रम सिंह के मुताबिक, सोमवार को अदालत में हुए विरोध-प्रदर्शन के लिए भी उन्होंने व्हॉट्सऐप पर संदेश भेजा था।
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