भारत में पिछले दो वर्ष में स्पेस सेक्टर से जुड़े स्टार्टअप (Space Sector Startups in India) की संख्या में 200 गुना का इजाफा हुआ है. इसकी वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की ओर से स्पेस सेक्टर को निजी कंपनियों के लिए खोलना है. केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), जितेंद्र सिंह की ओर से ये जानकारी दी गई.
2021 के मुकाबले 2030 में भारत की हिस्सेदारी चार गुना होगी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा स्पेस सेक्टर में बड़े स्तर पर निजी और सरकारी कंपनियों को मौका दिया गया है. इस कारण ग्लोबल स्पेस इकॉनमी (Global Space Economy) में 2021 के मुकाबले 2030 में भारत की हिस्सेदारी चार गुना हो जाएगी.
स्पेस डिपार्टमेंट के 100 दिनों के एक्शन प्लान पर उच्च स्तरीय बैठक में केंद्रीय मंत्री ने भारत के स्पेस सेक्टर की वर्तमान स्थिति, अवसरों और भविष्य के स्पेस मिशनों का जायजा लिया. इस बैठक में इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ सहित राष्ट्रीय स्पेस एजेंसी के उच्च अधिकारी भी मौजूद थे.
2023 में भारत के स्पेस सेक्टर में करीब 1,000 करोड़ का निवेश
उन्होंने आगे कहा कि स्पेस सेक्टर (Indian space startups) करीब 450 एमएसएमई के साथ मिलकर काम करता है, जो कि प्रधानमंत्री के अमृतकाल के विजन 'सबका प्रयास' की पुष्टि करता है.
ग्लोबल स्पेस इकॉनमी में भारत का योगदान 2030 तक 8% होने की संभावना
इसके अलावा जितेंद्र सिंह ने कहा कि ग्लोबल स्पेस इकॉनमी में भारत का योगदान 2021 में दो प्रतिशत था, जो कि 2030 तक 8 प्रतिशत होने की संभावना है और फिर 2047 तक ये बढ़कर 15 प्रतिशत तक पहुंच सकता है.
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