
एक फरवरी 2011 को 23 साल की सौम्या इस जघन्य अपराध का शिकार हुई थी (फाइल फोटो)
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सितंबर 2016 में SC ने गोविन्दासामी की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला
त्रिशूर की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गोविंसामी को फांसी की सजा सुनाई थी
एक फरवरी 2011 को 23 साल की सौम्या के साथ गोविंदसामी ने लूटपाट भी की थी
सितंबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने केरल के चर्चित सौम्या रेप व मर्डर केस में दोषी गोविंदसामी की फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था. कोर्ट ने उसे सिर्फ रेप का दोषी माना जबकि सबूतों के अभाव में गोविंदसामी को हत्या का दोषी नहीं माना गया.
सुप्रीम कोर्ट ने अभियोजन पक्ष से पूछा था कि क्या इस बात के सबूत हैं कि गोविंदसामी ने ही सौम्या को ट्रेन से फेंका था, अभियोजन पक्ष इसका कोई जवाब नहीं दे पाया. सौम्या कोच्चि के एक सुपरमार्केट में असिस्टेंट थी और सगाई के लिए घर लौट रही थी. इसी दौरान उसके साथ वारदात हुई. त्रिशूर की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गोविंदसामी को फांसी की सजा सुनाई थी.
जनवरी 2014 में केरल हाईकोर्ट ने इसे बरकरार रखा. गोविंदसामी ने केरल हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. जस्टिस रंजन गोगोई, पीसी पंत और यूयू ललित की पीठ ने सबूतों की कमी के चलते गोविंदसामी को मर्डर केस में बरी कर दिया.
फैसले पर सौम्या की मां ने कहा कि ये न्याय व्यवस्था की हार है. बेटी को इंसाफ नहीं मिला. एक फरवरी 2011 को 23 साल की सौम्या पैसेंजर ट्रेन से शोरनुर जा रही थी. सौम्या महिलाओं के डिब्बे में अकेली थी. गोविंदसामी भी महिलाओं के डिब्बे में चढ़ा और उसने सौम्या के साथ लूटपाट की. जब सौम्या ने विरोध किया तो गोविंदसामी ने उसे चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया.
फिर खुद भी ट्रेन से कूद गया और सौम्या के साथ बलात्कार किया. अगले दिन रेलवे ट्रैक के किनारे सौम्या जख्मी हालत में मिली थी. 6 फरवरी को इलाज के दौरान त्रिशूर के अस्पताल में उसकी मौत हो गई. गोविंदसामी तमिलनाडु का रहने वाला है. वह आदतन अपराधी है. 2004 से 2008 के बीच वह आठ मामलों में दोषी साबित हो चुका है.
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