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This Article is From Mar 08, 2024

"सॉरी पापा": राजस्‍थान के कोटा में स्‍टूडेंट ने जहर खाकर दी जान, इस साल छठी घटना

राजस्‍थान के कोटा में हर साल JEE और NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए दो लाख से ज्‍यादा छात्र आते हैं. कोटा में 2023 में आत्‍महत्‍या के 26 मामले दर्ज किए गए थे.

"सॉरी पापा": राजस्‍थान के कोटा में स्‍टूडेंट ने जहर खाकर दी जान, इस साल छठी घटना
कोटा में इस साल आत्‍महत्‍या की यह छठी घटना है. (प्रतीकात्‍मक)
कोटा:

राजस्थान (Rajasthan) के कोटा में जेईई की तैयारी कर रहे एक छात्र ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली. बिहार के भागलपुर का रहने वाला अभिषेक कुमार कोटा के विज्ञान नगर इलाके में अपने किराए के कमरे में मृत पाया गया. इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई के लिए कोचिंग हब के रूप में पहचान बनाने वाले इस शहर में इस इस साल यह छठी घटना है. पुलिस के मुताबिक, अभिषेक ने जहर खाकर अपनी जान दे दी. उसने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है. सुसाइड नोट में अपने पिता को संबोधित करते हुए उसने लिखा, "माफ करना पापा, मैं जेईई नहीं कर सकता."

पुलिस ने कहा कि अभिषेक अपने कोचिंग सेंटर में निर्धारित दो परीक्षाओं में अनुपस्थित रहा था. इनमें से पहली परीक्षा 29 जनवरी को और दूसरी 19 फरवरी को हुई थी. 

कोटा में 2023 में आत्‍महत्‍या के 26 मामले दर्ज किए गए थे. इसके बाद चिंता बढ़ गई थी और कोचिंग सेंटरों में बेहद दबाव वाले शैक्षणिक माहौल में छात्रों के सामने आने वाली मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियों का समाधान करने के लिए स्थानीय अधिकारी प्रयास कर रहे हैं. 

केंद्र के दिशानिर्देशों और जिला प्रशासन द्वारा कोचिंग छात्रों को परामर्श सुविधाएं प्रदान करने और तनाव कम करने के प्रयासों के बाद भी यह गंभीर वास्तविकता बनी हुई है. पिछले साल 26 छात्र आत्महत्याओं ने पहले ही चिंता को बढ़ा दिया था, उस पर इस साल के पहले तीन महीनों में सामने आए आधा दर्जन मामलों के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है. 

हर साल आते हैं 2 लाख से ज्‍यादा छात्र

कोटा में हर साल जेईई और एनईईटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के इच्छुक दो लाख से ज्‍यादा छात्र आते हैं. कोटा प्रशासन ने कोचिंग इंडस्‍ट्री के हितधारकों के सहयोग से पिछले साल छात्र आत्महत्याओं के चिंताजनक मुद्दे को लेकर कई पहल की थी. इनमें छात्रावास के कमरों में "आत्महत्या-रोधी" पंखे लगाना शामिल था. इन उपकरणों में स्प्रिंग कॉइल्स होती है जो 20 किलो से अधिक वजन वाली वस्तु लटकाए जाने पर सायरन को सक्रिय करती हैं. 2017 में कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के प्रस्‍ताव के बावजूद इसे हाल ही में उस वक्‍त बल मिला जब जिला प्रशासन ने पिछले साल अगस्त में आत्महत्याओं की संख्‍या में वृद्धि के बाद इसे लगाना अनिवार्य कर दिया. इसके अलावा बालकनियों और लॉबी में जाल लगाए गए हैं. 

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