अपनी आत्मकथा को लेकर सुर्खियों में आए पूर्व कांग्रेस नेता नटवर सिंह ने एनडीटीवी इंडिया से खास बातचीत में कहा कि कांग्रेस ने उनके साथ अन्याय किया, लेकिन उन्होंने किसी वैरभाव से किताब नहीं लिखी और न ही बदले की कार्रवाई के तौर पर कुछ किया है। बहुत-से लोगों ने मुझे फोन किया और कहा कि मैंने किताब लिखकर बिल्कुल सही किया। नटवर ने कहा, सोनिया गांधी काफी कठोर हैं। अगर सोनिया अध्यक्ष न रहीं, तो कांग्रेस खत्म हो जाएगी।
नटवर ने कहा, राजीव गांधी होते, तो मेरे साथ वह नहीं होता, जो सोनिया ने किया... मैंने मनमोहन सिंह को 'बिना रीढ़ का' कहकर सही किया, उन्हें कहा भी क्या जा सकता है... यह सच है कि सरकारी फाइलें निरीक्षण के लिए सोनिया गांधी के पास ले जाई जाती थीं, संजय बारू यह कह चुके हैं, मैं कह रहा हूं, और बहुत-से लोग ऐसा कहेंगे।
नटवर ने कहा कि सोनिया गांधी का अपनी किताब लिखने का बयान यह दर्शाता है कि मेरी किताब ने उनकी दुखती रग को छेड़ा है। नटवर ने सवालिया लहजे में कहा कि अगर प्रियंका गांधी राजनीति में आ गईं, तो राहुल कहां जाएंगे? हालांकि नटवर ने कहा कि राहुल भले महान नेता न हों, लेकिन वह एक अच्छे इंसान जरूर हैं।
उल्लेखनीय है कि पूर्व विदेशमंत्री नटवर सिंह द्वारा अपनी पुस्तक में की गई टिप्पणी के जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि वह खुद भी एक किताब लिखेंगी, जिससे सब सच जान सकेंगे। एनडीटीवी से खास बातचीत के दौरान सोनिया गांधी ने कहा, "मैं खुद किताब लिखूंगी, और तब हर व्यक्ति सच्चाई जानेगा... मैं इसे (किताब लिखने को) लेकर गंभीर हूं, और मैं लिखूंगी..."
नटवर ने अपनी किताब में लिखा है कि राहुल किसी भी कीमत पर नहीं चाहते थे कि सोनिया गांधी प्रधानमंत्री बने। राहुल को डर था कि उनकी मां की भी दादी इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी की तरह हत्या कर दी जाएगी।
किताब में लिखा गया है कि सोनिया की पहुंच सरकार की तमाम अहम फाइलों तक थी और सारे जरूरी फैसले 10, जनपथ पर लिए जाते थे। नटवर सिंह के मुताबिक, पार्टी पर सोनिया गांधी का नियंत्रण इंदिरा गांधी से ज्यादा था। यूपीए सरकार में विदेशमंत्री रहे 83 साल के नटवर सिंह को 2005 में तेल के बदले अनाज घोटाले में नाम आने के बाद इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद 2008 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं