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This Article is From Aug 27, 2020

सोनिया गांधी ने लिया बड़ा फैसला, नियुक्तियों में 'असंतुष्‍टों' को किया दरकिनार

कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने जयराम रमेश को चीफ व्हिप नियुक्‍त किया है. कांग्रेस की कार्यकारी अध्‍यक्ष ने राज्‍यसभा (Rajya Sabha)के लिए एक समिति गठित की है. सोनिया ने पार्टी के कोषाध्‍यक्ष और अपने राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल वेणुगोपाल को इस समिति का सदस्‍य नियुक्‍त किया है.

सोनिया गांधी ने लिया बड़ा फैसला, नियुक्तियों में 'असंतुष्‍टों' को किया दरकिनार
सोनिया ने नेतृत्‍व को लेकर लेटर में दस्‍तखत करने वाले नेताओं के खिलाफ सख्‍त रुख अपनाया है
नई दिल्‍ली:

कांग्रेस की कार्यकारी अध्‍यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi ) ने नेतृत्‍व को लेकर लेटर लिखने वाले 'असंतुष्‍ट' कांग्रेस नेताओं के खिलाफ सख्‍त रुख अख्तियार किया है. इसके तहत पत्र लिखने वाले नेताओं को किनारे करना शुरू कर दिया है.सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि लेटर लिखने वाले नेताओं को 'किनारे करने' के तहत पहला कदम उठाते कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने जयराम रमेश को चीफ व्हिप नियुक्‍त किया है. कांग्रेस की कार्यकारी अध्‍यक्ष ने राज्‍यसभा (Rajya Sabha)के लिए एक समिति गठित की है. सोनिया ने पार्टी के कोषाध्‍यक्ष और अपने राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल वेणुगोपाल को इस समिति का सदस्‍य नियुक्‍त किया है. यह समिति राज्‍यसभा में आने वाले मुद्दो को देखेगी. यह समिति निश्चित रूप से उच्‍च सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad)और डिप्‍टी लीडर आनंद शर्मा (Anand Sharma) को दरकिनार करने के साथ ही नियंत्रित में रखने में मददगार होगी.

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इन दोनों नेताओं ने आलोचनात्‍मक लेटर लिखने के साथ-साथ यह सुनिश्चित भी करने की कोशिश की थी कि राज्‍यसभा से ज्‍यादा नेता सोनिया के समर्थन में न आएं. यह दिखाने के लिए कि यह कवायद असंतुष्‍टों को दरकिनार करने के लिए नहीं की जा रही है, सोनिया गांधी ने ऐसी ही कमेटी लोकसभा में गठित की है. इसमें रवनीत सिंह बिट्टू को व्हिप और गौरव गोगोई को डिप्‍टी लीडर बनाया गया है. ये दोनों ही नेता गांधी परिवार के करीबी और समर्थक के रूप में जाने जाते हैं.

सोनिया ने यह भी सुनिश्चित किया है कि लेटर लिखने वाले मनीष तिवारी और शशि थरूर (Manish Tewari and Shashi Tharoor) जैसे नेता लोकसभा (Lok Sabha) मेें  'अलग-थलग' पड़ जाएं. सूत्र बताते हैं कि थरूर और तिवारी, दोनों की पहचान बेहतरीन वक्‍ता के रूप में है लेकिन लेटर में हस्‍ताक्षरकर्ता होने के कारण उन्‍हें भी दरकिनार होना पड़ा है. ऐसा लगता है कि सोनिया की ओर से किए गए हालिया निर्णय के बाद गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा राज्‍यसभा में पार्टी के नेता के रूप में दिन गिनती के बचे रहें है, सोनिया के एक शीर्ष सहयोगी कहते हैं कि बदलाव के लिए कांग्रेस अध्‍यक्ष, संसद के मॉनसून सत्र के खत्‍म होने तक इंतजार करेंगी.

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