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एक और भी थी 'सोनम'...19 साल पहले हनीमून पर ठीक ऐसे ही किया था मर्डर, पढ़ें पूरी कहानी

16 जून 2006 की रात को मुन्‍नार में एक ऐसा ही केस हुआ था जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. उस समय 24 साल की विद्यालक्ष्‍मी ने अपने पति 30 के अनंतराम को हनीमून पर ही मार दिया था.

नई दिल्‍ली:

पूरे देश में इस समय सोनम रघुवंशी चर्चा का विषय बनी हुई है. हर कोई बस इसी बात पर चर्चा कर रहा है कि आखिर एक लड़की ऐसा कैसे कर सकती है? कोई पत्‍नी कैसे अपने पति को इतनी बेरहमी से मार सकती है? अगर आपको लगता है कि इस तरह से अपने पति को मारने वाली सोनम सिर्फ अकेली महिला है, तो आप गलत सोच रहे हैं. सोनम से पहले विद्यालक्ष्‍मी नामक एक महिला ने इसी तरह से हनीमून पर अपने पति को प्रेमी के साथ मिलकर मार दिया था. आज सोनम रघुवंशी और राज के बीच शेयर हुई व्‍हाट्सएप चैट और जीपीएस लोकेशन से इस मर्डर की मिस्‍ट्री सामने आ रही है तो 19 साल पहले एसएमएस ने एक ऐसी मौत का राज खोला था जिसने हर किसी को हैरान कर दिया था. अब लोगों को सोनम का जिक्र करते ही विद्यालक्ष्‍मी की कहानी भी याद आने लगी है. जानिए 16 जून 2006 को आखिर ऐसा क्‍या हुआ था कि अब हर कोई विद्यालक्ष्‍मी के बारे में सर्च कर रहे हैं. 

मुन्‍नार का सुंदर नजारा और मर्डर 

चेन्‍नई के शंकर नगर पम्‍माल के रहने वाले 30 साल के अनंतरामन की शादी जून 2006 को 24 साल की विद्यालक्ष्‍मी से हुई थी. अनंतरामन और विद्यालक्ष्‍मी हनीमून के लिए केरल के मुन्‍नार गए. दोनों  हनीमून के लिए चेन्‍नई से केरल के त्रिशूर जाने वाली ट्रेन में सवार हुए. अगले दिन दोनों ने गुरुवायूर मंदिर में पूजा-अर्चना की. फिर यहां से दोनों एक टूरिस्‍ट टैक्‍सी में सवार होकर मुन्‍नार के सुंदर हिल स्टेशन पर पहुंचे और स्टर्लिंग रिसॉर्ट्स में चेक-इन किया. 

विद्यालक्ष्‍मी का शातिर दिमाग 

अगले दिन दोनों कुंडला डैम गए जोकि एक मशहूर टूरिस्‍ट स्‍पॉट है. यहां पर अनंतराम और विद्यालक्ष्‍मी ने एक पेडल बोट रेंट पर ली. लेकिन तय समय से पहले ही घाट पर लौट आए. इसके बाद दोनों ही डैम के करीब एक एक सुनसान इलाके में चले गए. कुछ समय बाद घबराई हुई विद्यालक्ष्मी अपने टैक्सी ड्राइवर के पास भागी और उसे बताया कि दो लोगों ने उन पर हमला किया है. विद्यालक्ष्‍मी ने टैक्‍सी ड्राइवर से कहा कि उन लोगों ने अनंतरामन की गला घोंटकर हत्या कर दी है और कैश के साथ कीमती सामान लेकर भाग गए हैं. 

ड्राइवर ने तुरंत पुलिस को इस बारे में जानकारी दी. यह बात यहीं पर खत्‍म हो जाती अगर एक ऑटो ड्राइवर अनबझगन पुलिस को एसएमएस के बारे में नहीं बताता. विद्यालक्ष्‍मी इतनी चालाक थी कि उसने अपना एक हार पहले ही एक हत्‍यारे को दे दिया ताकि वह यह बता सके कि उसका कीमती सामान  चोरी हो गया है. 

SMS से खुला राज 

अनबझगन ने पुलिस को बताया था कि दो लोगों ने डैम वाली जगह पर उनकी ऑटो को हायर किया था. लेकिन दोनों कुछ ही देर बाद वापस आ गए थे. अनबझगन ने इन दोनों की बातें सुनीं और उसे कुछ संदिग्‍ध लगा था. जिस समय वो डैम की तरफ जा रहे थे तो अनबझगन के मोबाइल पर कुछ एसएमएस आए थे. इन दोनों शख्‍स ने अनबझगन के नंबर का प्रयोग किया क्‍योंकि उनके मोबाइल पर नेटवर्क नहीं था. ये एसमएस विद्यालक्ष्‍मी की तरफ से भेजे गए थे. इन दोनों ही में विद्यालक्ष्‍मी ने दोनों से डैम की तरफ आने को कहा था. बस यहीं से सारा क्राइम सामने आ गया और पुलिस ने उन दोनों को लॉज से उठाया लिया. 

हनीमून पर साथ ही थे सब 

इन दोनों ही व्यक्तियों ने हनीमून के दौरान विद्यालक्ष्‍मी और अनंतरामन का पीछा किया. इसके बाद उन्होंने कैमरे की बेल्‍ट से अनंतरामन का गला घोंट दिया. विद्यालक्ष्मी ने आनंद को सीक्रेट एसएमएस संदेश भेजे थे जोकि जो शुरुआत में तो गुमराह करने वाले थे लेकिन आखिर में उनकी सच्‍चाई सामने आ गई. इसके अलावा मोबाइल रिकॉर्ड, फोन कॉल और तस्वीरें जो अनंतरामन के फोन में थी, ये भी काफी महत्वपूर्ण सबूत साबित हुए थे. दरअसल विद्यालक्ष्‍मी ने अपने ब्‍वॉयफ्रेंड 24 साल के आनंद और उसके एक साथी 21 साल के अंबुज के साथ मिलकर इस हत्‍या को अंजाम दिया था. 

सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखी सजा 

सितंबर 2007 में, एक सेशन कोर्ट ने विद्यालक्ष्मी और उसके प्रेमी आनंद को दो-दो आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. जबकि अंबुराज को एक आजीवन कारावास और 10,000 रुपये का जुर्माना लगा. इसके बाद फरवरी 2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने इस सजा को बरकरार रखा था. कोर्ट ने 33 (ट्रायल कोर्ट) और 28 (हाई कोर्ट) परिस्थितियों को इसमें शामिल किया था जो हनीमून के दौरान साजिश को साबित करती हैं. इसमें मुन्‍नार में विद्यालक्ष्‍मी और अनंतरामन के रुकने का समय भी शामिल था. 

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