20 तस्करों में से अपनों के शव को लेने तमिलनाडु से तिरुपति पहुंचे परिवार के लोगों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। तमिलनाडु से शव लेने आए ग्राम पंचायत सदस्य रजा बाबू ने बताया कि गांव के आठ लोग मजदूरी के लिए सोमवार को बस से तिरुपति के लिए रवाना हुए थे। सात लोग एक साथ बैठे थे और एक व्यक्ति अकेला बैठा था, आंध्र प्रदेश पुलिस सात लोगों को बस से उतारकर उनके हाथ बांध कर अपने साथ ले गई।
मंगलवार को एनकाउंटर के बाद हमें शाम को पता चला कि मारे गए तस्करों में ये सात लोग भी शामिल हैं। ये पूरी तरह मनगढ़ंत कहानी है। हमें न्याय चाहिए। रजा बाबू का दावा है कि बचा हुआ आठवां शख्स पूरी तरह सुरक्षित गोपनीय स्थान पर है और वह मानवाधिकार आयोग के सामने अपना बयान देगा।
आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु सीमा पर तिरुपति के पास आंध्र प्रदेश के सेशाचलम् के जंगल में सोमवार देर रात एसटीएफ ने 20 लोगों को मार गिराया यह कहते हुए कि ये सभी दुर्लभ लाल चन्दन की लकड़ियों की तस्करी से जुड़े थे, लेकिन जो तस्वीरें देखने को मिली उसने इस मुठभेड़ पर कई सवाल उठा दिए हैं।
कुछ सवाल-
1. ज़्यादातर मृतकों के ऊपरी हिस्सों में ही गोली लगी है
2. शवों पर गोली के निशान गर्दन के पिछले हिस्से, पेट, कमर और सीने के आसपास दिख रहा है।
3. कई शवों से सड़ने की बदबू आ रही थी, ऐसे में ये सवाल उठता है कि कहीं अलग-अलग जगहों पर हुई मुठभेड़ और अलग-अलग दिनों में तो नहीं हुई।
4. जो लकड़ियां शवों के पास दिख रही हैं वह ताज़ी कटी हुई नहीं लग रही थीं।
5. जब एसटीएफ ने इन्हें घेर लिया था तो सुबह होने का इंतज़ार किया जा सकता था, क्योंकि अंधेरे में तलाशी अभियान और मुठभेड़ सुरक्षाकर्मियों की जान जोखिम में डालती है और कई बार क्रॉस फायरिंग में सुरक्षाकर्मियों को ही नुकसान उठाना पड़ता है।
इनमें से कई सवालों के जवाब निष्पक्ष पोस्टमॉर्टम से मिल जाएगा। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के साथ-साथ अब एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी इस एनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल के कैम्पेनर अबीर वीपी का कहना है कि निष्पक्ष जांच कर ये पता करना चाहिए कि कहीं ये फर्जी मुठभेड़ तो नहीं, क्या पुलिस ने जरूरत से ज्यादा बल का प्रयोग किया। क्या ये 'एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल कीलिंग' की कैटेगरी में आता है।
इसी तरह मंगलवार को ही तेलंगाना के नालगोंडा में पांच संदिग्ध आतंकियों को पुलिस ने उस वक्त मार गिराया, जब पुलिस के मुताबिक, उनमें से एक ने एस्कॉर्ट पार्टी की इनसास राइफल छीनकर उन पर गोली चलाने की कोशिश की। तस्वीरों से पता चलता है कि मारे गए सभी संदिग्ध आतंकियों के हाथ चेन से बंधे थे और उन्हें हथकड़ियां लगी थीं। इन सभी को नालगोंडा से हैदराबाद सेंट्रल जेल ले जाया जा रहा था।
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