चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान ने आज विक्रम लैंडर की एक फोटो शेयर की, जो पहली बार उसने अपने नेविगेशन कैमरे का इस्तेमाल करके क्लिक की है. बता दें कि पिछले हफ्ते चांद की सतह पर उतरा चंद्रयान चांद के कई राज खोल रहा है. ऑक्सीजन, सल्फ़र, एल्युमीनियम समेत कई एलिमेंट की मौजूदगी की रोवर प्रज्ञान ने पुष्टि की है. हाइड्रोजन की तलाश जारी है. इसके साथ ही चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान में लेज़र Induced इंडीयूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्टो-स्कोप ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सल्फ़र की मौजूदगी की पुष्टि की है.
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 30, 2023
Smile, please📸!
Pragyan Rover clicked an image of Vikram Lander this morning.
The 'image of the mission' was taken by the Navigation Camera onboard the Rover (NavCam).
NavCams for the Chandrayaan-3 Mission are developed by the Laboratory for… pic.twitter.com/Oece2bi6zE
ऑक्सीजन का भी पता चला है, हालांकि हाइड्रोजन की खोज जारी है. इसरो ने ट्वीट कर ये जानकारी दी और साथ ही ये भी बताया कि इन-सीटू प्रयोग जारी है. रोवर पर मौजूद NavCams को बेंगलुरु में इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम्स (LEOS) प्रयोगशाला द्वारा विकसित किया गया है. पिछले हफ्ते चंद्रयान -3 का लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर उतरा, जिससे भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन गया, और पृथ्वी के निकटतम खगोलीय पड़ोसी के अज्ञात दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बना.
नई तस्वीर रोवर द्वारा चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सल्फर की खोज के ठीक एक दिन बाद आई है. इसरो ने कल घोषणा की कि रोबोट ने एल्यूमीनियम, कैल्शियम, लोहा, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन का भी पता लगाया है. अंतरिक्ष एजेंसी ने एक बयान में कहा, "चंद्रयान-3 रोवर पर लगे लेजर-प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोपी (एलआईबीएस) उपकरण ने दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्र सतह की मौलिक संरचना पर पहली बार इन-सीटू माप किया है. ये इन-सीटू माप सल्फर की उपस्थिति की पुष्टि करते हैं.”
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