ओलंपिक पदक विजेता भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया ने रविवार को कहा कि वह अपना पद्मश्री पुरस्कार तब तक वापस नहीं लेंगे, जब तक कि यौन उत्पीड़न के अपराधियों के खिलाफ लड़ रही उनकी "बहनों और बेटियों" को न्याय नहीं मिल जाता. बजरंग का ट्वीट भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अपदस्थ पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के सहयोगी को कुश्ती महासंघ का नया अध्यक्ष चुने जाने के बाद आया है.
बजरंग ने ट्वीट किया, "हमें केवल भगवान पर भरोसा है. मैंने अपनी बहनों और बेटियों के लिए अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटा दिया है; मैंने इसे उनके सम्मान के लिए लौटा दिया है और जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता, मैं कोई सम्मान नहीं चाहता. जय हिंद."
हमें सिर्फ़ भगवान पर भरोसा है
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) December 24, 2023
मैंने अपना पद्मश्री सम्मान बहन-बेटियों के लिए वापस किया था, उनके सम्मान के लिए वापस किया था और जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता तब तक मुझे कोई सम्मान नहीं चाहिए.
जय हिंद”
यह निर्णय नवनिर्वाचित डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष संजय सिंह द्वारा वर्ष के अंत तक उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के नंदिनी नगर में अंडर-15 और अंडर-20 नागरिकों की मेजबानी की घोषणा करने के तुरंत बाद आया.
साथ ही, मंत्रालय के एक सूत्र के अनुसार, केंद्रीय खेल मंत्रालय ने रविवार को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के मामलों के प्रबंधन और नियंत्रण के लिए एक एड-होक कमेटी बनाने का निर्देश दिया.
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