सिक्किम और असम में बारिश ने बढ़ाई मुसीबत
पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बीते कुछ दिनों से हो रही मुसलाधार बारिश लोगों की मुसीबत को बढ़ा दिया है. तेज बारिश के कई इलाकों में सड़के बह गई हैं तो कई इलाकों में हुए लैंडस्लाइड के कारण उन इलाकों का राज्य के दूसरे हिस्सों से संपर्क टूट गया है. सबसे बुरा हा सिक्किम और असम का है. जहां तेज बारिश की वजह से कई रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया है. सिक्किम के अलग-अलग इलाकों में लैंडस्लाइड की वजह से स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है. पूर्वोत्तर के अलग-अलग राज्यों में भारी बारिश की वजह से हुई अलग-अलग घटनाओं में 30 लोगों की मौत की खबर आ रही है. ये आंकड़े बीते दो दिनों के हैं.

सिक्किम में आने वाले कुछ दिनों में बारिश यूं ही जारी रही तो हालात और खराब हो सकते हैं. IMD ने राज्य में बारिश को लेकर अलर्ट भी जारी किया है. बीते कुछ दिनों से हो रही तेज बारिश के कारण सिक्किम के अलग-अलग इलाकों में हुए 1500 पर्यटक भी फंस गए हैं. जबकि 8 लोगों लापता बताए जा रहे हैं. जिनका तलाश जारी है.

सिक्किम के प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य जारी है. अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण लापता आठ पर्यटकों की तलाश में बाधा आई और तीस्ता नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद अंततः तलाश अभियान स्थगित कर दिया गया.मंगन जिले में तीस्ता नदी में बृहस्पतिवार रात एक वाहन के गिर जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए, जबकि आठ अन्य लापता हैं. लाचेन-लाचुंग राजमार्ग पर मुन्सिथांग के पास यह वाहन 1,000 फुट से अधिक गहराई में नदी में गिर गया था.मंगन के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सोनम देचू भूटिया ने बताया कि लाचेन में 115 पर्यटक और लाचुंग में 1,350 पर्यटक फंसे हुए हैं.

अधिकारियों ने बताया कि कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण दोनों ओर से निकलने के रास्ते बंद है. इसलिए पर्यटकों को अपने होटलों में ही ठहरने की सलाह दी गई है और सड़कें पूरी तरह खुल जाने के बाद उन्हें स्थानांतरित कर दिया जाएगा.
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार दोपहर को बाधित हुई बिजली आपूर्ति आज शाम बहाल हो गई, जबकि रविवार तक पेयजल आपूर्ति बहाल करने के प्रयास जारी हैं.करीब 24 घंटे बाद अपराह्न लगभग तीन बजे मोबाइल नेटवर्क सेवाएं बहाल हो सकी.यहां एक अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में बादल फटने से हुई भारी वर्षा के कारण तीस्ता नदी का जलस्तर बढ़ गया है.

वहीं, असम में लगातार बारिश से हालात खराब होते दिख रहे हैं. बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ के कारण आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि 17 जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है. राज्य में 78 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) के आंकड़ों के अनुसार, राज्य के पश्चिमी भाग में तीन जिलों में ‘रेड अलर्ट' है और आठ अन्य जिलों में ‘ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.

जबकि अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के ऊपरी इलाकों से आने वाले वर्षा जल ने राज्य में बाढ़ की स्थिति को और गंभीर कर दिया है.असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने कहा कि पांच लोगों की मौत कामरूप महानगर जिले में हुई हैं.

गुवाहाटी में जलभराव होने की खबर है और कई इलाके दूसरे दिन भी जलमग्न रहे. बचावकर्मी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं, जबकि निवासियों को अपना घर-बार छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ रहा है.राज्य के शहरी कार्य मंत्री जयंत मल्ला बरुआ और शीर्ष अधिकारियों ने मौजूदा स्थिति समेत सरकार के आपातकालीन प्रतिक्रिया उपायों की समीक्षा करने के लिए शहर के विभिन्न हिस्सों का निरीक्षण किया.बाढ़ के कारण गोलाघाट में दो और लखीमपुर में एक व्यक्ति समेत तीन लोगों की मौत हो गई.

बाढ़ प्रभावित जिले धेमाजी, दक्षिण सलमारा, लखीमपुर, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, दरांग, नागांव, कार्बी आंगलोंग, कामरूप, बिश्वनाथ, तिनसुकिया और कार्बी आंगलोंग पश्चिम हैं.अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ से 58 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि बाढ़ प्रभावित 1,224 लोगों ने पांच राहत शिविरों में शरण ली है। यहां 11 अन्य राहत वितरण केंद्र भी खोले गए हैं.
भारी बारिश ने मेघालय में भी जनजीवन को प्रभावित किया है
मेघालय में बीते कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है. लगातार हो रही बारिश के कारण तुरा और गुवाहाटी के बीच NH-17 का संपर्क टूट गया है. सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्रों में से एक बोको के पास शिंगरा रिजर्व फ़ॉरेस्ट क्षेत्र था,जो गुवाहाटी से लगभग 70 किलोमीटर दूर है, जहां NH-17 का एक नया बना हिस्सा बाढ़ के पानी के दबाव में ढह गया. इस नुकसान के कारण कई ट्रक और भारी वाहन फंस गए, जबकि छोटे वाहनों को बोंगाईगांव से होकर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा.
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