Sihawa Election Results 2023: जानें, सिहावा (छत्तीसगढ़) विधानसभा क्षेत्र को

सिहावा विधानसभा सीट पर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 189528 वोटर मौजूद थे, जिनमें से 88451 ने कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. लक्ष्मी ध्रुव को वोट देकर जिताया था, जबकि 43015 वोट पा सके बीजेपी प्रत्याशी पिंकी शिवराज शाह 45436 वोटों से चुनाव हार गए थे.

Sihawa Election Results 2023: जानें, सिहावा (छत्तीसगढ़) विधानसभा क्षेत्र को

Assembly Elections 2023 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में 7 तथा 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा, और चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

आज से 22 साल पहले मध्य प्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आए छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Assembly Elections 2023) राज्य के दक्षिण क्षेत्र में मौजूद है धमतरी जिला, जहां बसा है सिहावा विधानसभा क्षेत्र, जो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 189528 मतदाता थे, और उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. लक्ष्मी ध्रुव को 88451 वोट देकर विजयश्री प्रदान की थी, और विधायक बना दिया था, जबकि बीजेपी उम्मीदवार पिंकी शिवराज शाह को 43015 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 45436 वोटों से चुनाव हार गए थे.

इससे पहले, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में सिहावा विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार श्रवण मरकाम ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 53894 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार अंबिका मरकाम को 46407 वोट मिल पाए थे, और वह 7487 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे.

इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में सिहावा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार अंबिका मरकाम को कुल 56048 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि बीजेपी प्रत्याशी पिंकी शिवराज शाह दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 41152 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 14896 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.

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ध्यान रहे कि विधानसभा चुनाव 2018, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में 68 सीटें जीतकर कांग्रेस छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री पद पर बैठे थे. इन्हीं नतीजों के साथ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रमन सिंह की 15 साल तक चली सरकार का कार्यकाल खत्म हो गया था, क्योंकि इस चुनाव में BJP महज़ 15 सीटें अपनी झोली में डाल पाई थी. 2018 में छत्तीसगढ़ में सत्ता कैसे बदली, इसे समझने के लिए वर्ष 2013 के चुनाव नतीजों पर भी नज़र डालनी होगी. उस समय BJP को 49 सीटें मिलीं थीं और कांग्रेस को 41, लेकिन दोनों के बीच वोट शेयर का अंतर 1 फीसदी से भी कम रहा था. अब भूपेश बघेल सरकार के पास राज्य में पहली बार बनी कांग्रेस सरकार को रिपीट करने की चुनौती है, जबकि BJP एन्टी-इन्कम्बेन्सी के सहारे फिर सत्ता पाने की जुगत में लगी है.