श्रद्धा मर्डर केस : दिल्ली पुलिस ने साकेत कोर्ट में आफताब के पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए अर्जी लगाई

दरअसल, जब किसी आरोपी का नार्को टेस्ट करवाया जाता है तब उसकी रजामंदी भी जरूरी होती है. अदालत में जब आफताब से पूछा गया कि वह नार्को टेस्ट करवाने के लिए तैयार है? तब उसका जवाब था, 'मैं अपनी सहमति देता हूं.'

श्रद्धा मर्डर केस : दिल्ली पुलिस ने साकेत कोर्ट में आफताब के पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए अर्जी लगाई

श्रद्धा मर्डर केस में दिल्ली पुलिस ने साकेत कोर्ट में आफताब के पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए एक एप्लिकेशन लगाई है. कोर्ट की परमिशन के बाद ही पॉलीग्राफी टेस्ट होगा. अभी तक कोर्ट ने नार्को टेस्ट की परमिशन दी थी. मंगलवार को आफताब की कोर्ट में पेशी है. वहां से पॉलीग्राफी टेस्ट की कोर्ट से परमिशन मिल सकती है. एफएसएल के मुताबिक-पॉलीग्राफी के लिए कोर्ट से अलग से परमिशन लेनी होती है. पॉलीग्राफी से लेकर ब्रेन मैपिंग, नार्को सभी प्रोसेस में 10 दिन के लगभग लगेंगे.

इससे पूर्व FSL के असिस्टेंट डायरेक्टर पुनीत पुरी ने कहा कि नार्को टेस्ट के माध्यम से आरोपी से पूछताछ की जाती है. नार्को टेस्ट में करीब 3 से 4 घंटे लगता है. यह जांच पुलिस को लीड देने के लिए होता है. वहीं, FSL के असिस्टेंट डायरेक्टर एसके गुप्ता नवे कहा कि नार्को टेस्ट से पहले मेडिकल टेस्ट और पॉलीग्राफ होगा. इसके बाद नार्को टेस्ट किया जाएगा.

फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. रजनीश ने कहा कि नार्को टेस्ट सच को बाहर लाने का तरीका है. ऐसा माना जाता है कि नार्को टेस्ट में आरोपी सही बोलता है, जिससे पुलिस जांच को सहयोग मिलती है. यह 6 महीना पुराना केस है. यह कार्य चुनौतीपूर्ण है. फिलहाल पुलिस और फॉरेंसिक के अधिकारी जांच कर रहे हैं.

बता दें कि दिल्ली की साकेत कोर्ट ने श्रद्धा हत्याकांड मामले में आरोपी आफताब पूनावाला का पांच दिन के अंदर नार्को टेस्‍ट कराने को कहा है. कोर्ट ने रोहिणी फॉरेंसिक साइंस लैब को 5 दिन के अंदर नार्को टेस्ट करने का आदेश दिया है.

दरअसल, जब किसी आरोपी का नार्को टेस्ट करवाया जाता है तब उसकी रजामंदी भी जरूरी होती है. अदालत में जब आफताब से पूछा गया कि वह नार्को टेस्ट करवाने के लिए तैयार है? तब उसका जवाब था, 'मैं अपनी सहमति देता हूं.'

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

आरोपी आफताब पूनावाला ने कथित तौर पर 18 मई को 27 वर्षीय श्रद्धा वाकर का गला घोंट दिया था और उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिए, जिसे उसने दक्षिणी दिल्ली के महरौली में अपने निवास पर लगभग तीन सप्ताह तक 300 लीटर के फ्रिज में रखा और फिर आधी रात को शहर भर में फेंक दिया.