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प्रेमिका ने छुटकारा पाने के लिए जहर देकर प्रेमी की कर दी थी हत्या, अब मिली मौत की सजा

ग्रीष्मा ने पहले फलों के रस में पैरासिटामोल की गोलियां मिलाकर राज को जहर देने की कोशिश की थी, लेकिन इसके कड़वे स्वाद के कारण इसे पीने से इनकार करने के बाद वो ऐसा करने में असफल रहे.

प्रेमिका ने छुटकारा पाने के लिए जहर देकर प्रेमी की कर दी थी हत्या, अब मिली मौत की सजा
नई दिल्ली:

केरल में अपने प्रेमी की निर्मम हत्या की घटना के करीब दो साल बाद राजधानी तिरुवनंतपुरम की एक कोर्ट ने 24 साल की दोषी लड़की को मौत की सजा सुनाई गई है. ग्रीष्मा नाम की इस लड़की ने अपने रिश्ते से छुटकारा पाने के लिए 4 अक्टूबर, 2022 को अपने 23 साल के प्रेमी शेरोन राज को जहर दे दिया था.

प्रदेश की एक स्थानीय अदालत ने पिछले सप्ताह ही ग्रीष्मा और उसके चाचा को हत्या के लिए दोषी ठहराया था. कोर्ट ने कहा कि अपराध की गंभीरता पर आरोपी की उम्र पर विचार करने की कोई आवश्यकता नहीं है. दोषी ने अपनी शैक्षणिक उपलब्धियों, पूर्व का कोई आपराधिक इतिहास नहीं होना और अपने माता-पिता की इकलौती बेटी होने का हवाला देते हुए सजा में नरमी बरते जाने की मांग की थी.

अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने अपराध को साबित करने के लिए परिस्थिति, डिजिटल और वैज्ञानिक सबूतों पर भरोसा किया.

ग्रीष्मा केरल में मौत की सजा पाने वाली सबसे कम उम्र की महिला है.

आज के फैसले के बाद, पीड़ित के वकील ने कहा कि वो आश्वस्त थे कि सबूत अदालत द्वारा स्वीकार किए जाएंगे.

विशेष लोक अभियोजक वीएस विनीत कुमार ने स्थानीय अदालत के बाहर मीडिया को बताया, "जब मैं अदालत के सामने बहस कर रहा था, तो मुझे विश्वास था कि सबूत अदालत द्वारा स्वीकार किए जाएंगे. मैंने तर्क दिया था कि ये दुर्लभ से दुर्लभतम मामला है और मौत की सजा ही दी जानी चाहिए. यह एक अनुकरणीय फैसला है." 

2022 में ग्रीष्मा ने अपने प्रेमी को एक जड़ी-बूटीनाशक आयुर्वेदिक टॉनिक पैराक्वाट के जरिए जहर दे दिया था. 11 दिन बाद मल्टीपल ऑर्गन फेलियर से उसकी मौत हो गई. ग्रीष्मा ने हत्या की साजिश रची थी, क्योंकि तमिलनाडु के एक सैन्यकर्मी के साथ उसकी शादी तय होने के बाद राज ने उनके रिश्ते को खत्म करने से इनकार कर दिया था.

अधिकारियों के मुताबिक, ग्रीष्मा ने पहले फलों के रस में पैरासिटामोल की गोलियां मिलाकर राज को जहर देने की कोशिश की थी, लेकिन इसके कड़वे स्वाद के कारण इसे पीने से इनकार करने के बाद वो ऐसा करने में असफल रहे.

तिरुवनंतपुरम जिले के परसाला का मूल निवासी राज बीएससी रेडियोलॉजी का छात्र था.

ग्रीष्मा को हत्या सहित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाया गया. उनके चाचा, निर्मलकुमारन नायर को सबूत नष्ट करने का दोषी पाया गया. वहीं दोषी की मां, जिसे भी हिरासत में लिया गया था, सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया.

ग्रीष्मा और शेरोन करीबी दोस्त थे, लेकिन ग्रीष्मा की किसी और से सगाई हो जाने के बाद उनके रिश्ते में खटास आ गई. अदालत में पेश किए गए सबूतों के अनुसार, वह ज्योतिषीय भविष्यवाणी पर विश्वास करते हुए शेरोन के साथ अपने रिश्ते को खत्म करना चाहती थी, जिसमें कहा गया था कि उसका पहला पति मर जाएगा, जिससे वह शांतिपूर्ण दूसरी शादी कर सकेगी.

व्हाट्सएप मैसेज से पता चला कि वह इस भविष्यवाणी में विश्वास करती थी, जिसे शेरोन ने कथित तौर पर गलत साबित करने की कोशिश की. रिश्तेदारों का दावा है कि उसने वेट्टुकाडु चर्च में ग्रीष्मा से शादी की थी.

शेरोन राज के परिवार ने परसाला पुलिस पर आरोप लगाया कि उसने शुरू में जांच को पटरी से उतारने की कोशिश की, जबकि उनका कहना था कि यह एक पूर्व नियोजित हत्या थी.

इस मामले ने एक और नाटकीय मोड़ तब लिया जब ग्रीष्मा ने पुलिस हिरासत में आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप से उसकी जान बच गई. आत्महत्या के प्रयास के लिए उसके खिलाफ एक अलग मामला दर्ज किया गया.

इस मामले ने लोगों का ध्‍यान अपनी ओर खींचा है. कई लोग सजा सुनाए जाने का इंतजार कर रहे थे.

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