मध्य प्रदेश के बीजेपी के विधायक दल के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के चुनाव में धांधली की शिकायत की. प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री और विधायक शिवराज सिंह चौहान, भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. नरोत्तम मिश्रा, रामपाल सिंह, राजेन्द्र शुक्ल, जगदीश देवड़ा, विजय शाह, विश्वास सारंग, संजय शाह शामिल रहे. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर विधानसभा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के चुनाव में गलत तरीके से अपनाई गयी प्रक्रिया से अवगत कराया.
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राष्ट्रपति ने दोनों मामलों में संज्ञान लेने की बात कही. नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने विधानसभा के प्रथम सत्र में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए चार प्रस्ताव में एन.पी. प्रजापति का नाम प्रस्तावित किया और प्रतिपक्ष भाजपा की ओर से विजय शाह का नाम आगे बढ़ाया गया. इसी प्रकार उपाध्यक्ष पद के चुनाव में सत्ता पक्ष की ओर से हिना कांवरे का नाम चार सदस्यों की ओर से प्रस्तावित किया गया, वहीं प्रतिपक्ष की ओर से जगदीश देवड़ा का नाम प्रस्तावित किया गया था.
उन्होंने बताया कि दोनों ही निर्वाचन की ओर से पहली बार प्रोटेम स्पीकार की ओर से एवं उपाध्यक्ष के लिए विधानसभा अध्यक्ष द्वारा प्रतिपक्ष की ओर से प्रस्तावित नाम को रिकार्ड में नहीं लिया गया. साथ ही उनके प्रस्तावक एवं समर्थक का नाम कार्य सूची में होने के बाद भी नहीं पुकारा गया। प्रतिपक्ष द्वारा व्यवस्था के प्रश्न के माध्यम से प्रोटेम स्पीकर एवं विधानसभा अध्यक्ष का ध्यान आकर्षित किया गया. लेकिन प्वाइंट आफ आर्डर को न सुनकर अवैधानिक तरीके से चुनाव कराया गया.
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